EOW-ACB Special Court: शराब घोटाले में आरोपी 29 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ वारंट जारी

EOW-ACB Special Court: शराब घोटाले में आरोपी 29 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ वारंट जारी

रायपुर :  छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में आबकारी अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया है. बता दें कि शराब घोटाला मामले में 29 अधिकारियों को ईओडब्ल्यू ने आरोपी बनाया है. इनमें से एक अधिकारी की मौत हो चुकी है.

बाकी 28 अधिकारियों की आज EOW की विशेष अदालत में पेशी थी, लेकिन एक भी अधिकारी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए. इसके चलते सभी अधिकारियों के खिलाफ वारंट जारी किया गया है. बता दें कि हाल ही में हाईकोर्ट ने घोटाले में शामिल 28 आबकारी अधिकारियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की थी.

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जनार्दन कौरव, सहायक जिला आबकारी अधिकारी
अनिमेष नेताम, उपायुक्त आबकारी
विजय सेन शर्मा, उपायुक्त आबकारी
अरविंद कुमार पाटले, उपायुक्त आबकारी
प्रमोद कुमार नेताम, सहायक आयुक्त आबकारी
रामकृष्ण मिश्रा, सहायक आयुक्त आबकारी
विकास कुमार गोस्वामी, सहायक आयुक्त आबकारी
इकबाल खान, जिला आबकारी अधिकारी
नितिन खंडुजा, सहायक जिला आबकारी अधिकारी
नवीन प्रताप सिंह तोमर, सहायक आयुक्त आबकारी
मंजुश्री कसेर, सहायक आबकारी अधिकारी
सौरभ बख्शी, सहायक आयुक्त आबकारी
दिनकर वासनिक, सहायक आयुक्त आबकारी
मोहित कुमार जायसवाल, जिला आबकारी अधिकारी
नीतू नोतानी ठाकुर, उपायुक्त आबकारी
गरीबपाल सिंह दर्दी, जिला आबकारी अधिकारी
नोहर सिंह ठाकुर, उपायुक्त आबकारी
सोनल नेताम, सहायक आयुक्त आबकारी
प्रकाश पाल, सहायक आयुक्त आबकारी
अलेख राम सिदार, सहायक आयुक्त आबकारी
आशीष कोसम, सहायक आयुक्त आबकारी
ए.के. सिंह, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
राजेश जायसवाल, सहायक आयुक्त आबकारी
जे.आर. मंडावी, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
जी.एस. नुरुटी, सहायक आयुक्त आबकारी (सेवानिवृत्त)
देवलाल वैद्य, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
ए.के. अनंत, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
वेदराम लहरे, सहायक आयुक्त आबकारी (सेवानिवृत्त)
एल.एल. ध्रुव, सहायक आयुक्त आबकारी (सेवानिवृत्त)

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साल 2019 से 2023 के बीच राज्य के 15 बड़े जिलों में पदस्थ आबकारी अधिकारी और अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा बिना ड्यूटी चुकाई गई देसी शराब (B-Part शराब) की शासकीय दुकानों में समानांतर अवैध बिक्री की गई. बस्तर और सरगुजा संभाग को छोड़कर चयनित जिलों में अधिक खपत वाली देसी शराब दुकानों को डिस्टलरी से सीधे अतिरिक्त अवैध शराब भेजी जाती थी, जिसे वैध शराब के साथ समानांतर बेचा जाता था.

इस पूरे नेटवर्क में डिस्टलरी, ट्रांसपोर्टर, सेल्समैन, सुपरवाइजर, आबकारी विभाग के जिला प्रभारी अधिकारी, मंडल व वृत्त प्रभारी, और मैन पावर एजेंसी के अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे. अवैध शराब को 'बी-पार्ट शराब' कहा जाता था और इससे अर्जित रकम सीधे सिंडीकेट के पास पहुंचाई जाती थी।

EOW/ACB द्वारा अब तक की गई जांच और 200 से अधिक व्यक्तियों के बयान एवं डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर अनुमान है कि लगभग 60,50,950 पेटी बी-पार्ट शराब की अवैध बिक्री हुई है, जिसकी अनुमानित कीमत 2174 करोड़ रुपये से अधिक है. पहले इस घोटाले का अनुमान 2161 करोड़ रुपये था, लेकिन नवीनतम आंकड़ों के अनुसार घोटाले की कुल राशि 3200 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है.

गौरतलब है कि इस मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, सेवानिवृत्त IAS अनिल टूटेजा और होटल व्यवसायी अनवर ढेबर समेत 15 लोग पहले से रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं. ईओडब्ल्यू की जांच में अब तक कुल 70 लोगों को आरोपित बनाया गया है, जिसमें आठ डिस्टलरी संचालक भी शामिल हैं. अन्य संदिग्धों की भूमिका की भी गहन जांच की जा रही है.








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