मेडिकल कॉलेज में दाखिले की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए खुशखबरी,8 हजार सीटें बढ़ेंगी

मेडिकल कॉलेज में दाखिले की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए खुशखबरी,8 हजार सीटें बढ़ेंगी

 नई दिल्ली : मेडिकल पाठ्यक्रम में दाखिले की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए एक खुशखबरी है। इस शैक्षणिक सत्र से देश में मेडिकल पाठ्यक्रम की आठ हजार सीटें बढ़ाए जाने की उम्मीद है। इसके मद्देनजर मेडिकल कालेजों का मूल्यांकन किया जा रहा है। नीट-यूजी के लिए काउंसलिंग शुरू हो चुकी है और पहला दौर पूरा हो चुका है। काउंसलिंग का दूसरा दौर 25 अगस्त तक शुरू होने की उम्मीद है।

इस साल जुलाई में सीबीआइ द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, एनएमसी के अधिकारियों, बिचौलियों और निजी मेडिकल कालेजों के प्रतिनिधियों के एक नेटवर्क का भंडाफोड़ किए जाने के बाद आशंका जताई जा रही थी कि इस शैक्षणिक सत्र में मेडिकल सीटों की संख्या में कमी आएगी।

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ये अधिकारी कथित तौर पर भ्रष्टाचार और मेडिकल कालेजों को नियंत्रित करने वाले नियामक ढांचे में अवैध तरीके से हेरफेर सहित कई गंभीर कृत्यों में शामिल थे। जब सीबीआइ जांच शुरू हुई, तो एनएमसी ने सीटों की संख्या बढ़ाने या नए पाठ्यक्रम शुरू करने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।

आठ हजार सीटों की वृद्धि की उम्मीद

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) के प्रमुख डा. अभिजात सेठ ने कहा कि इस शैक्षणिक सत्र से चिकित्सा के स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में लगभग आठ हजार सीटें बढ़ाए जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मेरी नियुक्ति के साथ ही मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड (एमएआरबी) का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया है।

हमने प्राथमिकता के आधार पर स्नातक पाठ्यक्रम की चिकित्सा सीटों का निरीक्षण पूरा कर लिया है और मूल्यांकन कार्य प्रगति पर है। इस शैक्षणिक वर्ष में प्राप्त आवेदनों की संख्या के आधार पर हमें लगभग आठ हजार सीटों (स्नातक और स्नातकोत्तर सीटों को मिलाकर) की वृद्धि की उम्मीद है।

डा. सेठ ने कहा कि सीबीआइ जांच के कारण स्नातक सीटों की संख्या कम हो सकती है। हालांकि, निरीक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद सीटों की संख्या बढ़ जाएगी। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए काउंस¨लग पर डा. सेठ ने कहा कि नई पीजी सीटों के लिए आवेदन करने वाले मेडिकल कालेजों की निरीक्षण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और इसके लिए काउंसलिंग सितंबर में होगी।

मेडिकल शिक्षा में इस समय कितनी सीटें?

वर्तमान में स्नातक स्तर की 1,18,098 सीटें हैं। इनमें से 59,782 सीटें सरकारी और 58,316 निजी संस्थानों की हैं। स्नातकोत्तर सीटों की संख्या 53,960 है। इनमें से 30,029 सीटें सरकारी और 23,931 निजी संस्थानों की हैं।

हाल के वर्षों में मेडिकल सीटों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। सरकार आने वाले वर्षों में चिकित्सा शिक्षा का और विस्तार करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इस वित्त वर्ष के बजट में 10 हजार नई सीटें जोड़ने की घोषणा की गई है।

20.7 लाख नए डाक्टरों की जरूरत

भारत को 2030 तक लगभग 20.7 लाख नए डाक्टरों की आवश्यकता होगी, ताकि डाक्टर-जनसंख्या का अनुपात 1:1,000 हासिल किया जा सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन 1,000 लोगों पर एक डाक्टर का अनुपात सुझाता है। 2024 के अंत तक देश में 13.86 लाख रजिस्टर्ड एलोपैथिक डाक्टर थे, जिनमें 80 प्रतिशत सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। इससे सक्रिय एलोपैथिक डाक्टरों की कुल संख्या 11.08 लाख बनती है।

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मेडिकल कोर्स में इन परीक्षाओं के जरिये मिलता है प्रवेश-नीट यूजी एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है जो एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य मेडिकल तथा डेंटल कोर्सों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। हर साल लगभग 15 लाख छात्र इस परीक्षा में शामिल होते हैं।

नीट पीजी भी एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है, जो एमडी, एमएस और अन्य मेडिकल स्नातकोत्तर कोर्सों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। हर साल लगभग दो लाख छात्र इस परीक्षा में शामिल होते हैं।








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