नई दिल्ली : शनिवार 23 अगस्त को भाद्रपद अमावस्या है। यह दिन देवों के देव महादेव और पितरों को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत उनकी सहायक नदियों में स्नान-ध्यान करते हैं। इसके बाद भक्ति भाव से देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा करते हैं। साथ ही पितरों का तर्पण और पिंडदान करते हैं।
धार्मिक मत है कि शनि अमावस्या के दिन स्नान-ध्यान के बाद गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करने से साधक पर शिव और शक्ति की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है।
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साधक भक्ति भाव से शनि अमावस्या के दिन भगवान शिव और शनिदेव की पूजा करते हैं। अगर आप भी भगवान शिव और शनिदेव की कृपा पाना चाहते हैं, तो शनि अमावस्या के दिन विधिवत देवों के देव महादेव की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय राशि अनुसार इन मंत्रों का जप करें।
राशि अनुसार मंत्र जप
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