नई दिल्ली:देश में आवारा कुत्तों का मामला इन दिनों काफी गरम है. दिल्ली में आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला भी सुनाने वाला है. इस बीच लड़कियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर विवादों में घिरे वृंदावन के कथा वाचक अनिरुद्धाचार्य ने अब लिव इन और कुत्ते-बिल्लियों को लेकर कुछ ऐसा कहा है, जिस पर लोगों की अलग-अलग राय है. कुछ लोग उनके बयान के खिलाफ हैं तो वहीं कुछ लोग इसे सही बता रहे हैं. कथावाचक ने कहा था कि लिव इन में कुत्ते-बिल्ली रहते हैं हमारे देश के कुत्ते हजारों साल से लिव इन में ही रहते हैं. ये लिव इन कुत्तों का कल्चर है.
अनिरुद्धाचार्य ने सही कहा या गलत?
नोएडा के रहने वाले एक शख्स ने अनिरुद्धाचार्य की बयान की निंदा करते हुए इसे गलत बताया. उन्होंने कहा कि हमारे धर्मगुरुओं को इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए. इस तरह के बयानों से ही हमारे धर्म पर सवाल उठते हैं.ऐसे बयानों को सुनकर ही वेस्टर्न कल्चर अपना रहे हमारे बच्चे धर्म को लेकर गलत-गलत टिप्पणियां करते हैं. इससे धर्म को बहुत ठेस पहुंचती है. इसीलिए धर्मगुरुओं को इस सब पर टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए. वह धर्म की रक्षा के लिए हैं न कि धर्म की धज्जियां उड़वाने के लिए.
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ऐसे गलत बयान न दें, शख्स की अपील
वहीं एक अन्य शख्स ने भी कहा कि अनिरुद्धाचार्य को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए, यह गलत है. उन्होंने इस सनातन धर्म का अपमान बताते हुए कहा कि उनको सोच समझकर बोलना चाहिए.लिवइन पर तो सुप्रीम कोर्ट ने भी सपोर्ट किया है कुत्ता-बिल्ली या अन्य जानवरों का नाम लेकर दिया गया कथावाचक का ये बयान सनातन धर्म तो ठेस पहुंचाने वाला है. अपील है कि वह ऐसे गलत बयान न दें.
धर्मगुरु मर्यादा का ध्यान रखें
नोएडा के ही एक युवक ने कहा कि अनिरुद्धाचार्य एक धर्म गुरु हैं. उस पद पर रहते हुए उनको अपनी बातों में मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए.हालांकि उन्होंने जो भी कहा है उससे वह कुछ हद तक इत्तेफाक रखते हैं.हिंदू धर्म के संस्कारों और रीति-रिवाजों के हिसाब से ये गलत है कि कोई भी लड़का-लड़की शादी से पहले लिव-इन में रहे.हालांकि यह उनका निजी विचार है. अनिरुद्धाचार्य की बात कहने का तरीका गलत था.वह कहना कुछ चाहते थे लेकिन मतलब इसका गलत हो गया.
रिलेशनशिप में रहना अच्छी बात नहीं
अन्य युवक ने अनियुद्धाचार्य के बयान को सपोर्ट करते हुए उसे समाज के लिए अच्छा बताया.उन्होंने कहा कि उनकी भावनाओं को समझना चाहिए न कि उनके शब्दों पर कुछ भी बोलना चाहिए. उन्होंने समाज के लिए अच्छी बात कही है. रिलेशनशिप में रहना अच्छी बात नहीं है.इन बातों को समझकर इससे हिसाब से ही हमको काम करना चाहिए.
लिव इन रिलेशनशिप प्यार नहीं है
नोएडा की रहने वाली एक युवती ने कहा कि लिवइन को आजकल लोग प्यार का नाम देते हैं. लेकिन यह प्यार नहीं है.यह हिंदुस्तान का कल्चर नहीं है. वेस्टर्न कल्चर को लोग यहां ले कर आ गए हैं. लंबे समय तक किसी के साथ रहना फिर उसे छोड़कर किसी और से शादी कर लेना सही नहीं है.इससे समाज प्रभावित हो रहा है.
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लिव इन रिलेशनशिप सुरक्षा के नजरिए से सही नहीं
एक अन्य युवक ने अनिरुद्धाचार्य के बयान को यही नहीं ठहराया लेकिन गलत भी नहीं कहा.उन्होंने कहा कि रिलेशनशिप में रहना या प्यार करना गलत नहीं है. लेकिन उसका परिणाम भी ध्यान में रखना चाहिए.धर्मगुरुओं का काम ही है कि समाज में नैतिकता का स्तर बना रहे.एक सामंजस्य की स्थिति बनी रहे.सास्त्रों में महिला-पुरुष को बराबरी का अधिकार मिला है. समाज में अगर नैतिकता का स्तर बनाए रखना है कि विवाह सिस्टम से डिनाइ नहीं कर सकते.उन्होंने कहा कि नोएडा में लिवइन रिलेशनशिव में क्राइम काफी बढ़ गए हैं. कई मामलों में तो मर्डर तक हुए हैं. सुरक्षा के नजरिए से लिवइन में रहना सही नहीं है.



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