गाजीपुर. यूपी के गाजीपुर की शिव वाटिका में लगा सफेद चंदन सिर्फ एक पेड़ नहीं बल्कि सेहत और श्रद्धा दोनों का प्रतीक है. इसकी लकड़ी और तेल आयुर्वेदिक औषधियों, सौंदर्य प्रसाधनों और पूजा सामग्री में सदियों से उपयोग हो रहे हैं. इसमें पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण त्वचा को शीतलता देते हैं और दाग-धब्बों, संक्रमण व एलर्जी जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं. यही नहीं, सफेद चंदन का इस्तेमाल दांत दर्द, अल्सर, सांस की बीमारियों और यूटीआई जैसे संक्रमणों में भी किया जाता है.
यहां की जलवायु और इसकी खेती
ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - हम आपके हैं कौन बनते
गाजीपुर की जलवायु सफेद चंदन की खेती के लिए अनुकूल नहीं है लेकिन शिव वाटिका ने चमत्कार कर दिखाया है. ये शोधार्थियों का गढ़ है, जहां पर तरह-तरह के पौधे लगाए गए हैं. यहां पर ऐसी जलवायु बनाई गई है कि सफेद चंदन भी अच्छे से फल फूल रहा है. यह पेड़ कम पानी और बंजर जमीन पर भी आसानी से बढ़ सकता है. बारिश और तापमान की मध्यम सीमा इसे अच्छी ग्रोथ देती है. शिव वाटिका में लगाया गया यह पेड़ सिर्फ पर्यावरणीय संतुलन नहीं का उदाहरण नहीं बल्कि स्थानीय लोगों को प्रकृति से जोड़ने वाला प्रतीक है.
करोड़ों कमाने का मौका
सफेद चंदन का आर्थिक पक्ष भी बेहद मजबूत है. इसकी खेती में 12 से 15 साल लगते हैं, लेकिन इसके बाद निकली लकड़ी और तेल की कीमत करोड़ों तक पहुंच सकती है. केंद्र सरकार भी सफेद चंदन की खेती को प्रोत्साहित कर रही है. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इसकी भारी मांग है. खासकर इत्र, पूजा सामग्री और आयुर्वेदिक दवाओं में. इससे किसानों और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा हो सकता है.
सोना उगलेंगे पेड़
सफेद चंदन की खेती से करोड़ों की कमाई संभव होने के कई कारण हैं. सबसे पहले, सफेद चंदन की लकड़ी और उससे निकाला गया तेल बाजार में बेहद महंगा बिकता है. भारत में सफेद चंदन की लकड़ी की कीमत 8,000 से 10,000 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि विदेशों में ये कीमत 20,000 से 25,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच जाती है. एक पेड़ से लगभग 20-25 किलोग्राम चंदन की लकड़ी मिलती है. इस हिसाब से एक पेड़ से 4 से 5 लाख रुपये की कमाई हो सकती है.
Comments