छत्तीसगढ़ के नए स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव की कल बड़ी बैठक

छत्तीसगढ़ के नए स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव की कल बड़ी बैठक

 रायपुर :  छत्तीसगढ़़ के नए स्कूल शिक्षा और विधि-विधायी मंत्री गजेंद्र यादव मंत्रालय में कल अपना पदभार ग्रहण करेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने उनके कार्यभार ग्रहण की पूरी तैयारी कर ली है।स्कूल शिक्षा मंत्री कल स्कूल शिक्षा विभाग की एक अहम बैठक भी लेंगे। पता चला है, मंत्री पद की शपथ लेने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, डीपीआई ऋतुराज रघुवंशी समेत विभाग के कई अधिकारी मंत्री से मिलने गए थे तो उन्होंने निर्देश दिया था कि पदभार ग्रहण करने के बाद वे तुरंत विभाग की बैठक लेंगे। अफसरों का कहना है कि मंत्रीजी पहली बैठक को परिचय की औपचारिकता नहीं करना चाहते। वे चाहते हैं कि कल पदभार ग्रहण के बाद ही विभाग का कामकाज प्रारंभ हो जाए। यही वजह है कि प्रदेश के पांचों शिक्षा संभाग के ज्वाइंट डायरेक्टरों को कल मंत्रालय बुलाया गया है। इस बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के सभी 11 बोर्ड, निगम के अफसर मौजूद रहेंगे। इनमें डीपीआई से लेकर एमडी समग्र शिक्षा, डायरेक्टर एससीआरटी, संस्कृत बोर्ड, माध्यमिक शिक्षा मंडल, साक्षरता मिशन आदि शामिल हैं।

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बताते हैं, मंत्री गजेंद्र यादव ने स्कूल शिक्षा विभाग की लंबित फाइलों के बारे मं अफसरों से जानकारी ली। कल की मीटिंग में वे अधिकारियों को स्कूली शिक्षा की गुणवता सुधारने के बारे में स्पष्ट निर्देश दे सकते हैं।गजेंद्र यादव दुर्ग शहर विधानसभा से पहली बार के विधायक हैं। उन्होंने मोतीलाल वोरा के बेटे अरुण वोरा को बड़े मार्जिन से पराजित किया। पं0 रविशंकर विश्वविद्यालय से उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट किया है। संघ पृष्ठभूमि के गजेंद्र यादव का नाम शुरू से मंत्री बनने की लिस्ट में सबसे उपर रहा। और, आखिर में 20 अगस्त को उन्होंने शपथग्रहण किया। छत्तीसगढ़ में जून 2024 में बृजमोहन अग्रवाल के सांसद चुने जाने के बाद से स्कूल शिक्षा मंत्री का दायित्व मुख्यमंत्री देख रहे थे। बृजमोहन अग्रवाल ने जब इस्तीफा दिया था तो यह समझा गया था कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, उसमें किसी नए मंत्री को स्कूल शिक्षा की जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी। मगर यह लंबा खींच गया। करीब साल भर से भी ज्यादा। नए शिक्षा मंत्री से स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षकों की भी काफी उम्मीदें हैं। जाहिर है, मैनपावर की दुष्टि से प्रदेश का सबसे बड़ा विभाग होने के बाद भी इस विभाग को लंबे समय से पूर्णकालिक मंत्री की टकटकी लगी हुई थी।








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