किसानों के लिए खुशखबरी है! अगर आप इस बार खेत में ऐसी फसल लगाना चाहते हैं जो कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा दे, तो मेथी की खेती आपके लिए बेस्ट विकल्प साबित हो सकती है। खेती विशेषज्ञों का मानना है कि सितंबर के तीसरे-चौथे सप्ताह से लेकर नवंबर तक का समय मेथी की बुवाई के लिए सबसे अनुकूल होता है। इस दौरान ठंडा और नमी भरा मौसम पौधों की तेज़ और बेहतर बढ़वार सुनिश्चित करता है।
10 हजार का खर्च, 50 हजार तक का मुनाफा!
कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि एक एकड़ में मेथी की खेती पर करीब 9 से 11 हजार रुपये तक खर्च आता है। वहीं, इससे किसानों को 40 से 50 हजार रुपये तक का शुद्ध लाभ मिल सकता है।
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हरी मेथी की पैदावार: 25 से 30 क्विंटल प्रति एकड़ (औसत दाम 20 रुपये किलो)
दाना मेथी की पैदावार: 6 से 8 क्विंटल प्रति एकड़ (दाम 70 से 120 रुपये किलो)
यानी किसी भी हाल में किसान 40 से 52 हजार रुपये तक की कमाई कर सकते हैं।
मिट्टी और बुवाई के खास टिप्स
बलिया के कृषि विशेषज्ञ डॉ. कौशल कुमार पाण्डेय के अनुसार, मेथी की सफल खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है।
बुवाई से पहले खेत को अच्छी तरह जोतकर भुरभुरा बना लें।
जैविक खाद, गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालें।
बीज को 12 घंटे तक पानी में भिगोकर जैविक फफूंदनाशक से उपचार करें।
बीज को 2-3 सेंटीमीटर की गहराई और उचित दूरी पर बोएं।
सिंचाई और देखभाल
बुवाई के बाद हल्की सिंचाई करें।
हर 7 से 10 दिन पर पानी दें, लेकिन खेत में पानी का जमाव न होने दें।
खरपतवार नियंत्रण के लिए नियमित निराई-गुड़ाई करें।
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30 दिन बाद पहली कटाई
मेथी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि बुवाई के 30 से 35 दिन बाद ही पहली कटाई हो जाती है। एक बार की कटाई के बाद पौधे में नई पत्तियां निकल आती हैं। इसी वजह से किसान 2 महीने में 6 से 7 बार हरी मेथी की कटाई कर सकते हैं। यानी, यह फसल किसानों के लिए किसी ATM मशीन से कम नहीं है—जहां बार-बार सिर्फ कमाई ही कमाई होती है।
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