कवर्धा : जिले के प्रशासनिक मुखिया और दंडाधिकारी कलेक्टर गोपाल वर्मा ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एसपी को पत्र लिखा है। यह पत्र सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है और इसी के साथ जिले में कलेक्टर और एसपी के तालमेल को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।
कलेक्टर के बंगले का घेराव
कलेक्टर ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि 15 अगस्त की रात लगभग डेढ़ बजे उनके बंगले का घेराव किया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब उनके आवास के बाहर ऐसी स्थिति बनी तो उस समय पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी क्या कर रही थी? उन्होंने इस घटना को सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर चूक बताते हुए बंगले के आसपास आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की।
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डॉक्टरों की अनुपस्थिति से नाराज लोग
पूरा मामला 15 अगस्त की शाम से जुड़ा है। उस दिन आंधी-पानी के दौरान आसमानी बिजली गिरने से तीन बंदरों की मौत हो गई थी, जबकि दो बंदर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घायल बंदरों को लेकर कुछ लोग देर शाम वेटनरी अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं मिला। नाराज लोगों ने डॉक्टर को फोन लगाया तो उनका मोबाइल बंद मिला। इसके बाद तहसीलदार और एसडीएम से भी संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन किसी का फोन नहीं लगा। उस समय कलेक्टर भी कवर्धा मुख्यालय में मौजूद नहीं थे।
लोगों ने कलेक्टर के बंगले का घेराव
जिम्मेदार अधिकारियों और डॉक्टर की अनुपलब्धता से क्षुब्ध होकर कुछ लोग घायल बंदर को लेकर देर रात करीब डेढ़ बजे कलेक्टर बंगले पर पहुंचे और धरना दे दिया। इस दौरान लोगों ने कलेक्टर और सिस्टम पर सवाल खड़े करते हुए वीडियो भी बनाया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
घटना की जानकारी जब पुलिस को हुई तो देर रात पेट्रोलिंग पार्टी मौके पर पहुंची। लोगों की नाराजगी देखते हुए पेट्रोलिंग स्टाफ घायल बंदर को लेकर मवेशी डॉक्टर के घर पहुंचे और उन्हें जगाकर उपचार कराया।
कलेक्टर और एसपी के बीच सामंजस्य की कमी
कलेक्टर का पत्र सामने आने के बाद जिले में कलेक्टर और एसपी के बीच सामंजस्य की कमी पर चर्चा तेज हो गई है। लोगों का कहना है कि यदि जिले के कलेक्टर को ही अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एसपी को पत्र लिखना पड़े, तो आम लोगों की सुरक्षा व्यवस्था का क्या हाल होगा।
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