किरन्दुल : किरंदुल और बचेली के सरकारी अस्पतालों में कुत्ते के काटने के टीकों की गंभीर कमी को लेकर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता एवं छत्तीसगढ़ नागरिक सुरक्षा फाउंडेशन के जिला प्रभारी प्रवेश कुमार जोशी द्वारा उठाई गई आवाज अब प्रशासनिक कार्रवाई में तब्दील हो चुकी है।जोशी ने दिनांक 19 जून 2025 को पीजी पोर्टल के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित एक विस्तृत पत्र भेजा था,जिसमें उन्होंने इन नगरों में रेबीज रोधी टीकों की अनुपलब्धता को एक गंभीर जनस्वास्थ्य संकट बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पीड़ितों को आवश्यक उपचार हेतु दंतेवाड़ा जिला अस्पताल जाना पड़ता है,जिससे समय की हानि और स्वास्थ्य जोखिम दोनों बढ़ते हैं।
ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - हम आपके हैं कौन बनते
शिकायत क्रमांक 791625007391 के तहत की गई कार्रवाई में, कलेक्टर कार्यालय दंतेवाड़ा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया। परिणामस्वरूप, दिनांक 18 अगस्त 2025 को प्राप्त सूचना अनुसार: बचेली पीएचसी में एंटी रेबीज वैक्सीन 60 यूनिट, एंटी रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन 55 यूनिट और किरंदुल CHC में एंटी रेबीज वैक्सीन 25 यूनिट, एंटी रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन 18 यूनिट उपलब्ध है। यह उपलब्धता अब स्थानीय नागरिकों को समय पर उपचार प्रदान करने में सहायक सिद्ध हो रही है।
जोशी ने नगर क्षेत्र में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को लेकर भी जिला प्रशासन को पत्र प्रेषित किया। उन्होंने निवेदन किया कि नगर पालिका द्वारा आवारा कुत्तों की पहचान कर उन्हें सुरक्षित आश्रय गृहों में भेजा जाए, पशु कल्याण विभाग के सहयोग से टीकाकरण एवं नसबंदी अभियान चलाया जाए, संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष निगरानी दल नियुक्त किए जाएं।
प्रवेश जोशी की यह पहल न केवल एक जनस्वास्थ्य संकट को उजागर करने का उदाहरण है, बल्कि यह दर्शाती है कि एक जागरूक नागरिक किस प्रकार प्रशासनिक तंत्र को सक्रिय कर सकता हैं।छत्तीसगढ़ नागरिक सुरक्षा फाउंडेशन में जिला प्रभारी के रूप में उनकी भूमिका जनहित, गरिमा और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक बन चुकी है।
Comments