मकान बिक्री के नाम पर ठगी करने वाले पिता -पुत्री को गिर. कर जेल भेजा गया

मकान बिक्री के नाम पर ठगी करने वाले पिता -पुत्री को गिर. कर जेल भेजा गया

रायपुर :  मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि प्रार्थी अखतर अली पिता स्व. अब्दुल गफ्फार पता बहेखागाछी पोस्ट व थाना नयागांव जिला सारण (बिहार) दिनांक 26.08.25 को थाना उपस्थित आकर एक लिखित आवेदन पेश किया कि असरफ अली उर्फ शेख असरफ अली के स्वामित्व एव हक का मकान जो कि पुरेना पटवारी हल्का नंबर 113, राजस्व निरीक्षक मंडल रायपुर नगर निगम सीमा के अंतर्गत राष्ट्रीय विकास खजिन निगम के कर्मचारी सहकारी गृह निर्माण समिति रायपुर के सदस्यता क्रमांक 30 के अंतर्गत दर्ज है जो कि वार्ड कमांक 46 रानी दुर्गावती वार्ड जिसका खाता अनुपमान 1085 खसरा नंबर 332/1, 332/2, 333/1, 333/2, 334 का भाग का रकबा 1500 वर्गफिट में पक्का मकान निर्मित है एवं पृथक से 300 वर्गफिट में एक और मकान निर्मित है जो कि अतिरिक्त शेष भूमि पर निर्मित है।उक्त मकान को प्रार्थी द्वारा क्रय करने का सौदा 83,00,000/- रूपये किया तथा अग्रिम बयाना के रूप में कुल 62,20,000 रूपये प्रार्थी द्वारा प्रदान किया जा चुका है तथा दोनों के मध्य भूमि क्रय करने के संबंध में एक इकरारनामा दिनांक 25.07.2024 को गवाहों एवं नोटरी के मध्य निष्पादित किया गया इकरानरनामा शर्तों के तहत विक्रय पत्र के पंजीयन कार्यवाही के 11 माह के भीतर कराया जाना था।

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प्रार्थी द्वारा इकरारनामा कंडिका 1 के अनुसार उल्लेखित शर्तों के तहत 20,00,000/- अक्षरी बीस लाख रूपये एवं बाद में प्रार्थी से असरफ अली के द्वारा राशि मांग किये जाने पर शेख असरफ अली के द्वारा अपने पुत्र शेख असलम अली के बैंक खाते में 3,53,000/ अक्षरी तीन लाख तिरपन हजार रूपये एवं अपनी पुत्री फिरोजा अली के बैंक खाते में 11,50,000/- अक्षरी ग्यारह लाख पचास हजार रूपये प्राप्त किया इस प्रकार प्रार्थी से असरफ अली के द्वारा कुल 62,20,000/- अक्षरी बैसठ लाख बीस हजार रूपये मकान विक्रय करने के एडवांश राशि के एवज में प्राप्त कर लिया है।

उपरोक्त राशि प्रदान करने के बाद प्रार्थी के द्वारा असरफ अली को अपने इकरारशुदा मकान के पंजीयन के संबंध में आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने कहा गया जिससे कि विक्रय पत्र के पंजीयन के निष्पादन की कार्रवाई शीघ्रता पूर्ण किया जा सके। प्रार्थी ने फोन पर असरफ अली से निवेदन किया कि विक्रय पत्र के पंजीयन की कार्रवाई शीघ्र करावे किंतु संतोष जनक जवाब नहीं दिये जाने पर प्रार्थी स्वयं रायपुर आकर असरफ अली से व्यक्तिगत मुलाकात किये और विक्रय पत्र के बैनामा की रफ ड्राफ्टिंग कर उन्हे प्रदान किया और कहा कि मैं विकय पत्र के सौदा की शेष राशि भी मैं साथ लेकर आया हूं एवं शेष राशि प्राप्त कर विकय पत्र को पंजीयन शीघ्र कराये किंतु असरफ अली के द्वारा विकय पत्र पंजीयन को निष्पादन की कार्रवाई कराये जाने के संबंध में कोई संतोष जनक जवाब नहीं दिया गया जिससे प्रार्थी को उनकी नियत पर संदेह हो गया है। तब आरोपी के द्वारा प्रार्थी कोः धमकी दिया कि वह प्रार्थी को आपको मकान नहीं बेचेगा जो करना है कर लो।

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असरफ अली के द्वारा प्रार्थी के साथ मकान विक्रय करने हेतु विक्रय इकरारनामा दिनांक 25.07.2024 को निष्पादित किया और मकान के सौदा पेटे 83,00,000/- अक्षरी तिरासी लाख रूपये में से आज तक 62,20,000/- अक्षरी बैसठ लाख बीस हजार रूपये प्राप्त कर मकान विक्रय करने से मना कर असरफ अली एवं पुत्र असलम अली व पुत्री फिरोजा अली के द्वारा प्रार्थी के साथ धोखाधड़ी एवं छल करने की प्रार्थी के रिपोर्ट पर आरोपियान के विरूध्द अपराध अप. क्र. 545/25 धारा धारा -318(4),316(2),3(5) बीएनएस पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया। विवेचना दौरान आरोपी पिता पुत्री के दिनांक 26.08.2025 को गिर. किया गया ह्र्रै । आरोपी का पुत्र असलम अली फरार है जिसकी पता तलाश व विवेचना जारी है।









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