नई दिल्ली : हर साल आश्विन माह के प्रतिपदा तिथि से लेकर अमावस्या तिथि तक पितरों का तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है। इस दौरान पितृ भूलोक पर निवास करते हैं।गरुड़ पुराण में निहित है कि पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति पर पितरों की कृपा बरसती है। पितरों की कृपा से व्यक्ति को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।
सपने
ज्योतिषियों की मानें तो पितृपक्ष के दौरान पितरों से संबंधित कई सपने बेहद शुभ होते हैं। इन सपनों का मतलब यह होता है कि जल्द ही आपकी किस्मत बदलने वाली है। आपको जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी। आइए, इन सपनों के बारे में जानते हैं-
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सपने में पाताल देखना बेहद शुभ होता है। हालांकि, कई लोग सपने में पाताल देखने से डर भी जाते हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि ये किसी अशुभ समय का संकेत न हो। हालांकि, सपने में पाताल लोक में जाना या पाताल लोक देखना शुभ होता है।
इन सपनों का मतलब है कि जल्द आपकी किस्मत बदलने वाली है। आपके मान-सम्मान, यश-कीर्ति में वृद्धि होगी। धन-सम्पत्ति में बढ़ोतरी होगी। कुल मिलाकर कहें तो पाताल लोक से संबंधित सपने पितृ पक्ष में देखना शुभ होता है।
शास्त्रों में निहित है कि पीपल के पेड़ में पितरों का वास होता है। इस पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति पर पितरों की कृपा बरसती है। पितृ पक्ष के दौरान सपने में पीपल का पेड़ देखना बेहद शुभ होता है। इस सपने का मतलब है कि जल्द आपके अच्छे दिन शुरू होने वाले हैं। आपके जीवन में व्याप्त हर परेशानी दूर होगी। सपने को कभी अपने से छोटे लोगों के साथ शेयर नहीं करें। इसके लिए आप बड़े-वृद्ध की सलाह ले सकते हैं।
गरुड़ पुराण में वर्णित है कि गौ दान करने से व्यक्ति को मृत्यु उपरांत वैतरणी नदी पार करने में मदद मिलती है। इसके लिए व्यक्ति अपने जीवन में एक बार गौदान अवश्य ही करते हैं। अगर आप सपने में गौमाता को देखते हैं, या गाय की पूंछ पकड़े हैं, तो समझ लें कि जल्द आपकी किस्मत बदलने वाली है। आप पर देवताओं संग पितरों की भी कृपा बरसने वाली है।
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