बिहार के बाद अब बंगाल में SIR की तैयारी,मुर्शिदाबाद-मालदा समेत कई जिलों में जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की होड़

बिहार के बाद अब बंगाल में SIR की तैयारी,मुर्शिदाबाद-मालदा समेत कई जिलों में जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की होड़

कोलकाता : केंद्रीय चुनाव आयोग ने बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की तैयारियां तेज कर दी हैं। मतदाता सूची के संशोधन के लिए काम शुरू हो गया है।

इन जिलों में मची होड़

इस कड़ी में बंगाल के सीमावर्ती मुस्लिम बहुल जिलों मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर में एसआइआर से पहले जन्म प्रमाण पत्र के लिए लोगों में होड़ लगी है।

नगर पालिकाओं, ग्राम पंचायतों और अदालतों में लोग 10 रुपये प्रति स्टांप पेपर की सामान्य कीमत से दोगुना भुगतान करके जन्म प्रमाण पत्र को सही कराने, डिजिटल कराने या नए जारी कराने के लिए सुबह से ही कतार में खड़े दिख रहे हैं।

ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - हम आपके हैं कौन बनते

जल्द से जल्द जन्म प्रमाण पत्र लेना चाहते हैं लोग

लोगों ने बताया कि उन्हें डर यह है कि राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का अभियान चलाया जा सकता है। इसीलिए वे जल्द से जल्द जन्म प्रमाण पत्र लेना चाहते हैं।

मुर्शिदाबाद जिले की बरहमपुर नगर पालिका में फार्म संग्रह, सुधार, विलंबित नए जन्म प्रमाण पत्र और डिजिटलीकरण के लिए अलग-अलग अस्थायी कियोस्क हैं। बरहमपुर नगर पालिका के चेयरमैन नारुगोपाल मुखर्जी कहते हैं कि जन्म प्रमाण पत्रों के डिजिटलीकरण या सुधार के लिए रोजाना 10-12 आवेदन मिलते थे। अब यह संख्या 500-600 हो गई है।

बिचौलिए कमा रहे मुनाफा

बिचौलिए डिजिटलीकरण और छोटे-मोटे सुधारों के लिए लोगों से 1,000 से 2,000 रुपये और किसी बड़े बदलाव के लिए 4,000 से 5,000 रुपये तक वसूल रहे हैं।

आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू

मुर्शिदाबाद के लालगोला से टीएमसी विधायक मोहम्मद अली कहते हैं कि कोई भी राजनीतिक दल एसआइआर के खिलाफ नहीं है। बरहमपुर से पूर्व लोकसभा सांसद व वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर चौधरी का कहना है कि राज्य सरकार जागरूकता अभियानों के जरिए दहशत को रोक सकती है, लेकिन वह जानबूझकर ऐसा नहीं कर रही है। इससे टीएमसी को फायदा हो रहा है।

ये भी पढ़े : अमेरिका की कोर्ट ने ट्रंप के इस टैरिफ को बताया गैरकानूनी,इसका भारत पर क्या असर?

अफरा-तफरी के माहौल के लिए टीएमसी दोषी- भाजपा

2021 के चुनावों में भी टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने एनआरसी का डर पैदा करके चुनावी फायदा उठाया। माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि बिहार में एसआइआर के लिए जिस तरह के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, उसके कारण ही यहां लोगों में दहशत है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य शमिक भट्टाचार्य ने अफरा-तफरी के माहौल के लिए टीएमसी को दोषी ठहराया।







You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments