नई दिल्ली : सनातन धर्म में भाद्रपद का महीना बेहद खास माना जाता है। इस माह के कृष्ण पक्ष में जगत के पालनहार भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। वहीं, शुक्ल पक्ष में राधा रानी का अवतरण दिवस मनाया जाता है। साथ ही भाद्रपद महीने में गणेश महोत्सव भी मनाया जाता है। इसके अलावा, भाद्रपद महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं।
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन परिवर्तिनी एकादशी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। आइए, परिवर्तिनी एकादशी की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व जानते हैं-
ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - हम आपके हैं कौन बनते
महत्व
एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और साधना करने से देवी मां लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं। अपनी कृपा साधकों पर बरसाती हैं। देवी मां लक्ष्मी की कृपा से साधक की हर एक मनोकामना पूरी होती है। साथ ही घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में लक्ष्मी नारायण जी की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही दान-पुण्य भी किया जाता है।
परिवर्तिनी एकादशी शुभ मुहूर्त
कब मनाई जाएगी परिवर्तिनी एकादशी?
सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। आसान शब्दों में कहें तो सूर्योदय के बाद से तिथि की गणना होती है। हालांकि, प्रदोष और निशा काल में होने वाली पूजा के लिए उदया तिथि से गणना नहीं होती है। इस प्रकार 03 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी मनाई जाएगी।
पंचांग
Comments