किरन्दुल : छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की आराध्य देवी माँ दंतेश्वरी के मंदिर प्रांगण में एक ऐतिहासिक और सामाजिक महत्व की पहल की शुरुआत होने जा रही है। सर्व आदिवासी समाज और जिले के सभी समाज प्रमुखों ने मिलकर निर्णय लिया है कि आगामी शारदीय नवरात्रि से माँ दंतेश्वरी अन्नपूर्णा भोग भंडारा शुरू किया जाएगा। यह भंडारा वर्ष के 365 दिन मंदिर परिसर में भक्तों के लिए उपलब्ध होगा, जो न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक समरसता और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देगा।माँ दंतेश्वरी ज्योति कलश भवन में रविवार आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में दंतेश्वरी मंदिर के मुख्य पुजारी विजेंद्र जिया और शिवानंद आश्रम गुमरगुंडा के स्वामी विशुद्धानंद सरस्वती की उपस्थिति में यह निर्णय लिया गया।
ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - हम आपके हैं कौन बनते
बैठक में जिले के सभी समाज प्रमुखों ने विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से इस भंडारे की शुरुआत को मंजूरी दी। इस पहल को मूर्त रूप देने के लिए मंदिर समिति और जिला कलेक्टर से चर्चा कर अनुमति ली जाएगी।माँ दंतेश्वरी अन्नपूर्णा भोग भंडारा का उद्देश्य मंदिर में आने वाले भक्तों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराना है। यह पहल न केवल भक्तों की सेवा करेगी, बल्कि सामाजिक एकता और सहयोग को भी प्रोत्साहित करेगी। इस भंडारे की शुरुआत में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज की अहम भूमिका है। यह समाज, जो दंतेवाड़ा की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का संरक्षक रहा है, इस पहल के माध्यम से सामाजिक सेवा और धार्मिक आस्था के बीच एक सेतु स्थापित करने जा रहा है। माँ दंतेश्वरी, जो बस्तर की आराध्य देवी और भारत के 52 शक्तिपीठों में से एक हैं, के प्रति यह समर्पण क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को और मजबूती प्रदान करेगा।



Comments