परमेश्वर राजपूत, गरियाबंद : गरियाबंद जिले के अमलीपदर स्वास्थ्य केंद्र से मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां एक गरीब परिवार को अपनी महिला परिजन का शव अस्पताल से घर तक ले जाने के लिए शव वाहन तक नसीब नहीं हुआ। मजबूरी में परिजन खाट (चारपाई) पर शव रखकर गांव की ओर रवाना हुए।ग्रामीणों ने बताया कि महिला की मौत के बाद जब शव वाहन की मांग की गई तो अस्पताल प्रबंधन ने उपलब्धता न होने का हवाला देकर हाथ खड़े कर दिए। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के पास निजी वाहन की व्यवस्था करने की भी क्षमता नहीं थी। अंततः परिजनों ने खाट का सहारा लिया और शव को लेकर पैदल ही घर पहुंचे।
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बता दें कि अमलीपदर क्षेत्र के नयापारा की 60 वर्षीय इच्छाबाई पटेल की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें 108 वाहन से अमलीपदर सरकारी अस्पताल लाया गया जहां ईलाज के दौरान करीब दस बजे उनका निधन हो गया। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और 108 वाहन कर्मचारियों से शव को घर तक पहुंचाने का अनुरोध किया लेकिन कर्मचारियों ने नौकरी का खतरा बताकर मना कर दिया। परिजनों ने बीस से अधिक नीजी वाहनों से संपर्क किया पर कोई शव ले जाने को तैयार नहीं हुआ। जो एक दो वाहन मालिकों ने हां भरी उन्होंने चार से पांच हजार तक मांग रखी, लेकिन गरीब परिवार इतनी बड़ी रकम जुटाने में असमर्थ रहा, आखिर परिजन खाट लेकर अस्पताल पहुंचे और उसी पर शव रखकर पैदल ही बाजार से गुजरते हुए अपने गांव तक शव ले कर गए।स्थानीय लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र में शव वाहन जैसी मूलभूत सुविधा उपलब्ध न होना प्रशासन की बड़ी लापरवाही है। आए दिन ऐसी घटनाएं गरीब परिवारों की मजबूरी को उजागर करती हैं।ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि अमलीपदर स्वास्थ्य केंद्र में शव वाहन की स्थायी व्यवस्था की जाए, ताकि भविष्य में किसी भी परिवार को ऐसी असहनीय स्थिति से न गुजरना पड़े।
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