गरियाबंद : लाख कोशिशों के बावजूद पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार का खेल रुकता नजर नहीं आ रहा है. ताजा मामला छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले का है. यहां पीएम आवास के नाम पर फर्जीवाड़े का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.अब आवास योजना के तहत निर्माण के लिए मिलने वाले मनरेगा राशि में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है.
इस पूरे मामले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब इस मामले को लेकर मंगलवार को लगभग 40 से 50 ग्रामीण गरियाबंद कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचे. इन लोगों ने लिखित आवेदन देते हुए जल्द कार्रवाई की मांग की. वहीं, इस पूरे मामले पर जिलाधीश ने आए हुए लोगों को अवगत कराते हुए कहा इस संबंध में शिकायत के बाद जांच टीम लफंदी भेज दी गई है. आप लोग वहां जाएं और शिकायत सही मिलने पर तत्काल दोषी पर कार्यवाही की जाएगी.
ऐसे किया गया खेला
मामला गरियाबंद जिले के लफंदी पंचायत का है. यहां आवास हितग्राहियों को निर्माण के लिए मिलने वाले 25 हजार रुपये में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. आवास निर्माण में मजदूरों मस्टरोल भरने वाले रोजगार सहायक ने 40 हितग्राहियों के 4 लाख से ज्यादा मजदूरी राशि बोगस मजदूरों के नाम पर एंट्री कर निकलवा लिया. आवास हितग्राहियों ने जब ऑनलाइन मजदूरों की सूची निकाली, तो गड़बड़ी का खुलासा हुआ है.
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इस खुलासे के बाद पंचायत के लोगों ने बैठक कर तत्काल कार्रवाई करने के लिए उच्च अधिकारियों से मिलने की बात कहते हुए मंगलवार को जनदर्शन में कलेक्ट्रेट पहुंचे. इसके बाद कलेक्टर से अपनी शिकायतें की. इस पर कलेक्टर ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है. जल्द ही परिणाम आ जाएंगे. किसी भी दोषी को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा . आपको बता दें कि गरियाबंद में इससे पहले भी जिले अधूरे आवास को पूर्ण बताने, बोगस जियो टैगिंग, आवास मंजूरी के लिए रुपयों की मांग जैसे मामले सामने आ चुके हैं.

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