धान की खेती के लिए किसान बहुत मेहनत करते हैं ऐसे में कुछ गलतियों की वजह से कई बार पूरी मेहनत पानी में चली जाती है. इससे बचने के लिए आप धान के साथ एजोला घास पानी में छिड़क सकते हैं. आइए जानते हैं इसके फायदे.
बालाघाट को धान की खेती के लिए जाना जाता है. ऐसे में किसान भाई ज्यादा उत्पादन के लिए ज्यादा पैसे खर्च करते हैं, जिससे उनकी लागत कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसे में खेती से होने वाले लाभ का मार्जिन भी कम हो जाता है. हम किसान भाईयों को ऐसी ट्रिक बता रहे हैं, जिससे उर्वरक का खर्च कम और आय ज्यादा हो जाएगी.
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धान की फसल में इसे डालने भर से न सिर्फ पैदावार में जोरदार उछाल आएगा बल्कि कीट-पतंग भी दूर हो जाएंगे. वहीं, एक्सपर्ट्स का मानना है कि उस पौधे को खेत में डालने से उर्वरता भी बनी रहेगी. वहीं, पर्यावरण को भी फायदा मिलेगा.
हम जिस पौधे का जिक्र कर रहे है, उसे अजोला कहते हैं. ये पौधे पानी की सतह पर तैरता है. और धीरे-धीरे सड़कर मिट्टी को नाइट्रोजन, कार्बन सहित कई पोषक तत्व भी देता है. धान के खेत में यह जड़ों को प्राकृतिक पोषण देता है, जिससे फसल की ग्रोथ तेज होती है.
धान की रोपाई के 15-20 दिन बाद खेत में पानी भर दें. इसके बाद पानी में ताजा और हरा अजोला डालें. फिर खुद ही अजोला खेत में फैलता रहेगा और मिट्टी को पोषक तत्व देगा.
अजोला के इस्तेमाल से रासायनिक खाद से निर्भरता कम हो जाती है. इससे लागत में कमी आती है. वहीं, पौधों को पर्याप्त पोषण मिलने से उनकी वृद्धि अच्छी होती और उत्पादन अच्छा होता है. पर्यावरण के लिए भी अजोला फायदेमंद है. वहीं, कीट भी खेत से दूर रहते हैं.
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अजोला का पौधा आसानी से तालाब के पास मिल सकता है. किसान भाई इस बात का ध्यान रखें कि अजोला फ्रेश और सफेद-हरे रंग का हो. तभी इसका असर होगा.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर किसान भाई अपने खेतों में इसका इस्तेमाल करते हैं, तो खेत में उत्पादन बेहतर होता है और किसानों की आय में भी इजाफा होता है.
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