नई दिल्ली : भारत सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि देश से भागे हुए बड़े आर्थिक अपराधी और आरोपी वापस लाए जा सकें। इन्हीं प्रयासों के तहत ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) की एक टीम ने हाल ही में दिल्ली की तिहाड़ जेल का निरीक्षण किया।
इसका मकसद था यह देखना कि भारत में लाए जाने वाले भगोड़े अपराधियों को सुरक्षित माहौल मिलेगा या नहीं। सूत्रों के मुताबिक, सीपीएस की टीम ने तिहाड़ जेल के हाई-सिक्योरिटी वार्ड का दौरा किया वहां मौजूद कैदियों से बातचीत। भारतीय अधिकारियों ने ब्रिटिश टीम को भरोसा दिलाया कि यदि जरूरत हुई तो जेल परिसर में खास एनक्लेव बनाई जाएगी, जहां हाई-प्रोफाइल आरोपी सुरक्षित रह सकें।
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भारत सरकार ने दिया आश्वासन
भारत सरकार ने ब्रिटेन को यह भी आश्वासन दिया है कि किसी भी आरोपी से जेल में गैरकानूनी पूछताछ नहीं होगी। दरअसल, पहले कई बार ब्रिटिश अदालतों ने भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को इसलिए खारिज किया था क्योंकि उन्हें भारतीय जेलों की स्थिति पर आपत्ति थी।
भारत के कुल 178 प्रत्यर्पण अनुरोध विदेशों में लंबित हैं, जिनमें से लगभग 20 मामले ब्रिटेन में अटके हुए हैं। इनमें हथियारों के सौदागरों और खालिस्तानी नेटवर्क से जुड़े लोगों के नाम भी शामिल हैं। जुलाई 2025 में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा था कि भारत लगातार ब्रिटेन सरकार के सामने अपना पक्ष रख रहा है ताकि वहां रहे भगोड़ों को कानूनी प्रक्रिया के लिए भारत वापस लाया जा सके।
नीरव मोदी और विजय माल्या का मामला
विजय माल्या का मामला सबसे चर्चित है जो फिलहाल लंदन में हैं। उन पर बैंकों से 9 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज न चुकाने का आरोप है। इसी तरह नीरव मोदी, जो पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का मुख्य आरोपी है वह ब्रिटेन की जेल में बंद है।
दिसंबर 2019 में भारत ने उसे फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर घोषित किया था। नीरव मोदी की संपत्तियां भी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जब्त कर रखी हैं। ब्रिटेन की अदालत ने पहले ही प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है।