रायपुर : एग्री स्टेक पोर्टल में किसानों को पंजीयन में आ रही दिक्कतों के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि आधे अधूरे रिकॉर्ड और तकनीकी खामियों को दुरुस्त किए बगैर पंजीयन की अनिवार्यता से महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं से किसान वंचित हो रहे हैं। सरकार की दुर्भावना और बदइंतजामी के चलते छत्तीसगढ़ के किसानों का भविष्य अधर में लटक गया है। जब तक सरकार व्यवस्था पूरी तरह से दुरुस्त नहीं कर लेती तब तक समर्थन मूल्य में धान बेचने के लिए पंजीयन करने की पुरानी मैन्युअल व्यवस्था को यथावत जारी रखना चाहिए। भुइया-एप में त्रुटिपूर्ण एंट्री, बटांकन, सीमांकन नामांतरण के लंबित मामलों और सरकार के ही कृषि, सहकारिता और राजस्व विभाग के आपस में समन्वय की कमी के चलते प्रदेश के लगभग आधे किसान एग्री स्टैग पोर्टल में रजिस्ट्रेशन करने से वंचित हैं, जिसके लिए यह सरकार और प्रशासनिक अकर्मण्यता ही जिम्मेदार है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि बिना समुचित तैयारी के भारतीय जनता पार्टी की किसान विरोधी सरकार अपने तुगलकी निर्णय को किसानों पर जबरिया थोप रही है। एग्री स्टेट पोर्टल में केवल 2023 तक के ही रिकॉर्ड अपडेट किए गए हैं उसके बाद की खरीदी गई भूमि ,नामांतरण और बंटवारे की प्रविष्टियां सरकार के पोर्टल में ही दर्ज नहीं है जिसको लेकर किसान बार-बार तहसील कार्यालय, कलेक्टर ऑफिस, एसडीम कार्यालय, पटवारी और आरआई के चक्कर काटने मजबूर हैं। भाजपा के मंत्री विधायक और मुख्यमंत्री तक शिकायत के बावजूद आज तक उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो पाया है लेकिन यह सरकार अपने विभाग की गलतियों पर भी किसानों को ही प्रताड़ित कर रही है। खामियों और त्रुटिपूर्ण प्रक्रिया के चलते एग्री स्टैग पोर्टल किसानों के लिए मुसीबत बन गया है।
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प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार दुर्भावना पूर्वक किसानों के लिए लगातार कठिनाई पैदा कर रही है ताकि समर्थन मूल्य पर कम से कम धान खरीदना पड़े। पूरे प्रदेश में खाद बीज का संकट है, दुगुने, तिगुने दाम पर डीएपी और यूरिया की कालाबाजारी सर्वविदित है। अब एग्री स्टैग पोर्टल में पंजीयन की अनिवार्यता और प्रक्रियागत खामियों के चलते खुद ही समस्या पैदा करके समर्थन मूल्य में धान खरीदी के साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, कृषि उपकरण सब्सिडी, फसल बीमा योजना जैसे अन्य सरकारी सुविधाओं के लाभ से भी यह सरकार किसानों को वंचित करना चाहती है। यह सरकार पोर्टल की तकनीकी समस्याओं को तुरंत ठीक करे और पोर्टल में पंजीयन के अतिरिक्त जब तक शत प्रतिशत किसानों का ऑनलाइन पंजीयन नहीं हो जाता तब तक पुरानी प्रक्रिया के अनुसार धान खरीदी के लिए मैनुअल पंजीयन का विकल्प भी जारी रखे सरकार।
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