नई दिल्ली : सनातन धर्म में आश्विन महीने का खास महत्व है। इस महीने की शुरुआत सोमवार 08 सितंबर से हो रही है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष मनाया जाता है। इस दौरान पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है।
गरुड़ पुराण में भगवान नारायण ने जन्म और मृत्यु चक्र के बारे में विस्तार से बताया है। साथ ही पितृ ऋण से मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति के उपाय भी बताए हैं। अगर आप भी पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025) के दौरान ये उपाय जरूर करें। इन उपायों को करने से व्यक्ति और उनके पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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पितृ पक्ष के उपाय
गरुड़ पुराण में वर्णित है कि व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति के लिए इंदिरा एकादशी का व्रत करना चाहिए। इस व्रत को करने से व्यक्ति पर भगवान विष्णु की कृपा बरसती है। वहीं, पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से व्यक्ति और उनके पूर्वजों को उच्च लोक में स्थान मिलता है।
गरुड़ पुराण के आठवें अध्याय में भगवान नारायण कहते हैं कि व्यक्ति को रोजाना (खासकर पितृ पक्ष के दौरान) हरि या शिव जी के नाम का जप करना चाहिए। इस उपाय को करने से व्यक्ति को जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है।
साधक को न केवल पितृ पक्ष बल्कि सामान्य दिनों में भी पवित्र ग्रंथ गीता का पाठ करना चाहिए। इस शास्त्र के पाठ से व्यक्ति को दिव्य ज्ञान की प्राप्ति होती है। साथ ही मृत्यु उपरांत उच्च लोक में स्थान मिलता है। इसके साथ ही विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
व्यक्ति को प्रतिदिन भगवान विष्णु की पूजा कर चरणामृत ग्रहण करना चाहिए। इस उपाय को करने से साधक पर भगवान विष्णु की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से व्यक्ति को इच्छा अनुसार लोक में स्थान मिलता है।
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