बीजापुर : जिले को मलेरिया मुक्त बनाने के संकल्प को साकार करने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भोपालपटनम ब्लॉक के सुदूरवर्ती गांव मीनूर में, जहां पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उफनती चिंतवागु नदी को छोटी-सी ढोंगी के सहारे पार कर मेडिकल कैंप लगाने का काम किया। इस अभियान की कमान स्वयं जिले के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीआर पुजारी ने संभाली, जो इस मिशन के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

स्वास्थ्य विभाग की यह पहल जिले को मलेरिया मुक्त बनाने के सपने को साकार करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुई है। घने जंगलों, उफनते नालों, और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को पार करते हुए मेडिकल टीम ने मीनूर गांव में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में करीब 50 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, साथ ही गांव के प्रत्येक घर में जाकर लोगों की जांच की गई और टीकाकरण भी किया गया। डॉ. पुजारी ने बताया कि शिविर में सर्दी, जुकाम, और खांसी जैसे सामान्य लक्षणों वाले मरीज देखे गए, लेकिन सौभाग्यवश मलेरिया का कोई मामला सामने नहीं आया। यह इस बात का प्रमाण है कि मलेरिया मुक्त अभियान सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।
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मीनूर गांव तक पहुंचना अपने आप में एक उपलब्धि थी। उफनती चिंतवागु नदी, मूसलाधार बारिश, कच्ची सड़कें, और नालों पर पुलों का अभाव जैसी चुनौतियों के बावजूद, मेडिकल टीम ने ढोंगी के सहारे नदी पार की। इसके बाद कीचड़ भरे रास्तों और खेतों के बीच पगडंडियों से होकर पैदल चलते हुए ट्रैक्टर की मदद से गांव तक पहुंचा । यह न केवल स्वास्थ्य विभाग की मेहनत और लगन का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कोई भी चुनौती इस मिशन को रोक नहीं सकती।
यह उपलब्धि न केवल मीनूर गांव के लिए, बल्कि पूरे जिले के लिए एक प्रेरणा है। स्वास्थ्य विभाग की यह पहल दर्शाती है कि कठिन परिस्थितियों में भी समर्पण और साहस के साथ बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। मलेरिया मुक्त जिला बनाने का सपना अब और करीब आ चुका है, और इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग का यह प्रयास एक सुनहरी मिसाल बनकर उभरा है।



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