बी. सुदर्शन रेड्डी पर BJP का हमला...घोटाले के दोषी लालू से मुलाकात पर सवाल

बी. सुदर्शन रेड्डी पर BJP का हमला...घोटाले के दोषी लालू से मुलाकात पर सवाल

हाईकोर्ट के पूर्व जजों ने सामूहिक रूप से बयान जारी कर आरोप लगाया है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव से निजी तौर पर मुलाकात की है.

इसको लेकर उन्होंने दुख जताया है. उन्होंने कहा कि यह जानकर बेहद दुख होता है कि इंडिया गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने हाल ही में लालू प्रसाद यादव से एक निजी मुलाकात की. यादव चारा घोटाला मामले में दोषी हैं, जिसमें बिहार से लगभग 940 करोड़ रुपए के सरकारी धन का गबन शामिल है.

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पूर्व जजों ने कहा कि चुनावी कारणों का हवाला देकर इस बातचीत को उचित नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि लालू यादव न तो संसद सदस्य हैं और न ही वे उपराष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में मतदान करने के पात्र हैं. ऐसे में प्रतीत होता है कि इस बैठक का कोई वैध राजनीतिक उद्देश्य पूरा नहीं होता. रेड्डी जैसे कद के व्यक्ति के लिए इस तरह की मुलाकात उनके फैसले और औचित्य पर गंभीर प्रश्न उठाती है क्योंकि वे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रहे हैं और उनकी महत्वाकांक्षा देश के सर्वोच्च संवैधानिक पदों में से एक पर आसीन होने की है.

पूर्व जजों ने चुप्पी पर भी उठाए सवाल

उन्होंने कहा कि यह विशेष रूप से चिंताजनक है कि अपनी विशिष्ट ज्युडिशियल बैकग्राउंड के बावजूद रेड्डी स्वतंत्र रूप से एक ऐसे व्यक्ति से जुड़े हैं जिसके आपराधिक कृत्यों की भारतीय अदालतों की ओर से पुष्टि की जा चुकी है. कुछ गुटों की चुप्पी भी उतनी ही चौंकाने वाली है जो आमतौर पर मामूली आरोपों पर भी भड़क उठते हैं. यह मामला उन लोगों के पक्षपातपूर्ण स्वभाव को दर्शाता है जो खुद को संवैधानिक नैतिकता का स्वयंभू संरक्षक बताते हैं. यह उनके स्वार्थ और राजनीतिक सुविधा के लिए गंभीर खामियों को भी नजरअंदाज करने की उनकी तत्परता को दर्शाता है.

पूर्व जजों ने कहा कि इस मामले पर चुप्पी साधे रखी गई है. इसके बावजूद रेड्डी का उन दोषी व्यक्तियों के साथ जुड़ने का फैसला जिन्होंने भ्रष्टाचार के माध्यम से राष्ट्रीय हितों को स्पष्ट रूप से नुकसान पहुंचाया है, उनके इरादों और निष्ठाओं के बारे में बहुत कुछ बताता है. एक प्रभावशाली और प्रतिष्ठित संवैधानिक पद पर आसीन होने की चाह रखने वाले व्यक्ति की ओर से की गई यह चूक फैसलों में एक बुनियादी त्रुटि दर्शाती है, जिसका पूरी तरह से मूल्यांकन करना जनता का कर्तव्य है.

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इन 8 जजों ने लगाया आरोप

जिन आठ पूर्व जजों ने बी. सुदर्शन रेड्डी पर आरोप लगाया है उनमें बॉम्बे हाई कार्ट के पूर्व जज जस्टिस एस एम खांडेपारकर, बॉम्बे हाई कार्ट के पूर्व जज जस्टिस अंबादास जोशी, पूर्व झारखंड हाई कार्ट के जज जस्टिस आर के मार्थिया, पूर्व इलाहाबाद हाई कार्ट जज जस्टिस देवेंद्र कुमार आहूजा, पूर्व दिल्ली हाई कार्ट जज जस्टिस एस एन ढींगरा, पूर्व पंजाब एवं हरियाणा हाई कार्ट के जज जस्टिस करम चंद पुरी, पूर्व केरल हाई कार्ट के जज जस्टिस पी एन रवींद्रन और पूर्व राजस्थान हाई कार्ट के जज जस्टिस आर एस राठौर शामिल हैं.







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