दुर्गा पूजा के दौरान देवी दुर्गा की पूजा की जाती है. यह एक प्रमुख त्योहार है, जो शारदीय नवरात्रि के दौरान मनाया जाता है. इस पर्व को दुर्गोत्सव के नाम से भी जाना जाता है. दुर्गोत्सव पांच दिनों तक मनाया जाता है. शारदीय नवरात्रि में दुर्गोत्सव षष्ठी, महासप्तमी, महाष्टमी, महानवमी और विजयादशमी के दिनों पर विशेष रूप से मनाया जाता है.
देवी दुर्गा का धरती पर आगमन देवी पक्ष के पहले दिन होता है और दुर्गा विसर्जन के दिन वह प्रस्थान करती हैं. दुर्गा मां के आगमन और प्रस्थान वाले दिन महत्वपूर्ण माने जाते हैं. इन दिनों से आने वाले समय का अनुमान किया जाता है और यह माना जाता है कि मां के आगमन और प्रस्थान से भविष्य में शुभ और अशुभ स्थितियों का संकेत मिलता है.
दुर्गा पूजा 2025 कब से शुरू:- दुर्गा पूजा 2025 शारदीय नवरात्रि के साथ शुरू होगी. शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर 2025, सोमवार से शुरू होकर 1 अक्टूबर 2025 बुधवार तक चलेगी. साल 2025 में नवरात्रि 10 दिनों की होगी, क्योंकि इस बार तृतीया दो दिन रहेगी. दुर्गा पूजा का पर्व विशेष रूप से बंगाल, ओडिशा, असम और पूर्वी भारत में बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है.
दुर्गा पूजा 2025 महत्वपूर्ण तिथि
1. साल 2025 में दुर्गा पूजा की शुरुआत 28 सितंबर, रविवार को षष्ठी तिथि के दिन होगी. इस दिन मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है. यह दिन दुर्गा पूजा की मूर्ति स्थापना के लिए शुभ माना गया है. इस दिन सुबह 06:08 बजे से लेकर 10:30 बजे तक मूर्ति स्थापना का उत्तम मुहूर्त रहेगा.
2. इस दिन बिल्व निमंत्रण और पंडाल सजाने की परंपरा भी निभाई जाती है.
3. संधि पूजा 30 सितंबर 2025, मंगलवार को अष्टमी तिथि के दिन होगी. अष्टमी और नवमी के संधिकाल में (रात्रि 07:36 से 08:24 बजे तक) 108 दीपों और 108 कमल पुष्पों से मां की पूजा की जाएगी. यह समय मां दुर्गा के चामुंडा रूप की आराधना के लिए अत्यंत विशेष होता है.
4. विजयादशमी के दिन यानी 2 अक्टूबर 2025, गुरुवार को मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन नदियों और तालाबों में किया जाएगा.
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