गरियाबंद : कोपरा में रेत माफिया की लालच अब उस हद तक पहुंच गई है, जहां ज़िंदा तो पहले ही परेशान थे अब मुर्दे भी चैन से नहीं सो पा रहे।नगर पंचायत क्षेत्र में नदी किनारे और घासभूमि पर चल रही अवैध रेत खुदाई ने अंतिम संस्कार स्थलों की गरिमा को भी रौंद डाला है। हालत ये है कि जहां कभी मिट्टी में आत्मा को शांति दी जाती थी, वहीं से अब कंकाल बाहर आ रहे हैं। कई जगहों पर खोपड़ी, हाथ-पैर की हड्डियाँ बिखरी पड़ी हैं, जिन्हें देख ग्रामीणों के रौंगटे खड़े हो गए।
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स्थानीय लोगों का कहना है कि रेत का अवैध कारोबार अब कब्रों और चिताओं की मर्यादा को भी खा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक इस इलाके की बारीक रेत की मांग ज़्यादा है और इसी का फायदा उठाकर अपने आप को एक स्थनीय नेता बताकर एवम टैक्टर मालिक रेत माफिया मिलकर दिन-रात ट्रैक्टरों से रेत निकाल रहे हैं। यही रेत पास के गोदामों में जमा की जाती है और रात के अंधेरे में 'हाइवा' ट्रकों से बाहर भेज दी जाती है।
रेत का अत्यधिक उठाव नदी किनारों को खोखला और शवस्थलों की परतें उजाड़ चुका है। प्रशासन आंख मूंदे बैठा है, और माफिया बेखौफ होकर धार्मिक आस्थाओं और मृतकों की गरिमा को पैरों तले रौंद रहे हैं।
वर्जन
रेत निकालने वालों ने मृतकों की गरिमा का अपमान किया है।हम प्रशासन से मांग करते हैं कि अवैध खनन पर तत्काल रोक भंडारण पर छापे और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।मंगतूराम सोनवानी अध्यक्ष सतनामी समाज कोपरा
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