घर पर अनोखे स्वाद और सुंदरता से भरपूर काला फल वाला अमरूद उगाना अब आसान हो गया है. रायपुर के गार्डनिंग एक्सपर्ट महेंद्र निषाद ने बताया कि यह विदेशी किस्म का अमरूद पौधा विशेष रूप से गमले में उगाने के लिए बेहद उपयोगी है. इसकी खासियत यह है कि इसका पौधा छोटा होता है और अधिक ऊंचाई नहीं बढ़ता. यह सामान्य अमरूद से अलग होता है क्योंकि इसका फल बाहर से काला और अंदर से गुलाबी रंग का होता है, जो देखने में आकर्षक और स्वाद में मीठा होता है.
गार्डनिंग एक्सपर्ट महेंद्र निषाद के अनुसार, काला अमरूद उगाने के लिए सबसे पहले 12×12 साइज का गमला चुनना चाहिए. इसके अलावा यदि गमला उपलब्ध नहीं हो तो 20 लीटर का प्लास्टिक बाल्टी भी इस्तेमाल किया जा सकता है. गमले में काली मिट्टी, वर्मीकम्पोस्ट और गोबर खाद मिलाकर आधा हिस्सा भरना होता है. इसके बाद अमरूद का पौधा गमले में सेट कर दिया जाता है. फिर बचा हुआ मिश्रण डालकर पूरी मिट्टी और खाद से गमले को भर देना चाहिए.
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जल प्रबंधन बहुत जरूरी
पौधे की सही देखभाल के लिए जल प्रबंधन बहुत जरूरी है. एक्सपर्ट महेंद्र निषाद ने जोर देकर कहा कि गमला गीला हो तो पानी नहीं डालना चाहिए. केवल तब पानी देना चाहिए जब मिट्टी सूख जाए. इससे जड़ें स्वस्थ रहेंगी और पौधा जल्दी बढ़ेगा. हाइब्रिड किस्म के काले अमरूद के पौधे रायपुर के रावणभांठा मैदान के नर्सरी में उपलब्ध हैं. एक पौधे की कीमत मात्र 150 रुपए रखी गई है. इन पौधों में पहले से ही छोटे-छोटे फल लग चुके होते हैं, जिससे एक से दो माह में फल मिलने शुरू हो जाएंगे. हर पौधे से करीब 5 से 6 स्वादिष्ट और आकर्षक काले अमरूद प्राप्त हो सकते हैं.
कीटों से बचाव के लिए ‘सोनाटा’ कीटनाशक
पौधे की तेज वृद्धि के लिए यूरिया और डीएपी खाद भी डाली जा सकती है. कीटों से बचाव के लिए ‘सोनाटा’ नामक कीटनाशक का छिड़काव करने की सलाह दी जाती है. एक्सपर्ट महेंद्र निषाद ने यह भी बताया कि काला अमरूद स्वाद में मीठा होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है. इसमें भरपूर विटामिन्स और पोषक तत्व होते हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार हैं.
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