मुख्यमंत्री के कर कमलों से डॉ.संतोष प्रणीत ग्रंथ का हुआ विमोचन

मुख्यमंत्री के कर कमलों से डॉ.संतोष प्रणीत ग्रंथ का हुआ विमोचन

परमेश्वर राजपूत, गरियाबंद : गत 7 सितंबर दिन रविवार भाद्र शुक्ल पूर्णिमा को राजधानी रायपुर में सरयूपारीण ब्राह्मण सभा एवं संस्कृत भारती संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में विराट संस्कृत विद्वत सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह सम्मेलन लुप्त होती हुई संस्कृत एवं संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन एवं पुनरुत्थान के लिए एवं राज्य स्कूल शिक्षा में संस्कृत विषय को अनिवार्य विषय बनाने के संबंध में गहन विचार विमर्श कर शासन प्रशासन को ध्यान आकृष्ट कराने के लिए आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, राजे  महंत डॉ. रामसुंदर दास, डॉ. रामजी अखिल भारतीय संस्कृत भारती प्रमुख तमिलनाडु, सरयूपारीण ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष डॉ संजय शुक्ला सभी पदाधिकारी गण एवं राज्य भर से  हजारों की संख्या में संस्कृत शिक्षक एवं संस्कृत प्रेमी विद्वतजन शामिल हुए। 

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उक्त गरिमामय अवसर पर बहुमुखी प्रतिभा के धनी राजिम निवासी एवं संस्कृत व्याख्याता डॉ. संतोष शर्मा  द्वारा रचित सनातनीय ग्रंथ नारदभक्तिसूत्र के संदर्भ में भागवत पुराण का मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय एवं अन्य मंचस्थ अतिथिगण विशेष रूप से डॉ.सुरेश शुक्ला अध्यक्ष सरयू पारीण ब्राह्मण महासभा छत्तीसगढ़, अजय तिवारी पूर्व कुलपति इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय रायपुर आदि द्वारा आधिकारिक विमोचन किया गया। प्रतिष्ठित संकल्प प्रकाशन कानपुर (उत्तर प्रदेश) से प्रकाशित 336 पेज से पूर्ण यह पावन ग्रंथ भागवत पुराण एवं नारद भक्ति सूत्र के गूढ़ भक्ति तत्वों का सारगर्भित विवेचन प्रस्तुत करता है।राष्ट्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालय परिषद, अनुदान आयोग एवं उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ की ओर से विद्या वाचस्पति (डॉक्टरेट) उपाधि से अलंकृत डॉ संतोष की यह पावन कृति पूरे भारतवर्ष के उन मानक 50 शोधग्रंथों में से एक है, जो स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा प्राप्त विद्यार्थियों एवं अध्येताओं के नैतिक, मानवीय मूल्यों के संवर्धन के साथ ही भक्ति तत्व की अभिवृद्धि कर भारत के  समर्थ नागरिक बनाने की दिशा में सार्थक कदम प्रशस्त करता है। 

विदित हो, कि डॉ .शर्मा पं रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर सत्र 2010 में एम.ए संस्कृत साहित्य में सर्वोच्च अंक प्राप्त कर महामहिम राज्यपाल के हाथों स्वर्ण पदक प्राप्त कर गोल्ड मेडलिस्ट बने थे। वे मैकेनिकल इंजीनियर, संस्कृत शिक्षक, दूध  सी चमकती महानदी जैसे सुप्रसिद्ध भजनों के गायक एवं रचनाकार, प्रखर भागवतवक्ता, ज्योतिष एवं वास्तुविद,साहित्य लेखक, श्रेष्ठ उद्घोषक आदि विविध असाधारण प्रतिभा संपन्न होने के कारण पूर्व में सर्व ब्राह्मण समाज रायपुर द्वारा बहुमुखी प्रतिभा सम्मान से सम्मानित हो चुके हैं। महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं के लिए कि्लष्ट पाठ्यक्रम को सरल रूप में प्रस्तुत कर सन 2014 में एम.ए साहित्य की पुस्तके भी आपकी प्रकाशित हो चुकी हैं। आगामी प्रकाशित होने वाली पुस्तकों में चिंतन के पुष्प एवं नूपुर के क्रंदन  प्रमुख हैं। सनातन धर्म की जड़ों को मजबूत करने वाले इस वैदिक वांग्मय ग्रंथ के विमोचन पर  मुख्यमंत्री सहित समस्त मंचस्थ अतिथिगण, डॉ सत्येंदु शर्मा विभागाध्यक्ष संस्कृत शासकीय महिला महाविद्यालय रायपुर,डॉ. राघवेंद्र शर्मा अध्यक्ष संस्कृत साहित्य संस्कृत महाविद्यालय रायपुर, डॉ.वेद प्रकाश मिश्र प्राध्यापक विभागाध्यक्ष संस्कृत विश्वविद्यालय कोटा बिलासपुर, डॉ. अनमोल शर्मा प्राध्यापक लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली, लल्ला प्रसाद चतुर्वेदी व्याकरणाचार्य  भिलाई, स्थानीय स्तर पर विद्यालय के एक सादे समारोह में विमोचन उपरांत महेश यादव अध्यक्ष नगर पंचायत राजिम,उपाध्यक्ष पूर्णिमा चंद्राकर ,श्रीमती देवकी साहू अध्यक्ष शाला प्रबंधन समिति  संस्था के प्राचार्य कृष्ण कुमार यदु एवं विद्यालयीन स्टाफ,विद्वत समुदाय, स्थानीय ब्राह्मण समाज एवं शुभचिंतकों ने डॉ. संतोष को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की हैं एवं उनके सुखद उज्जवल भविष्य की कामना की है। ज्ञात हो, कि सर्वप्रथम इस पावन ग्रंथ को डॉ.संतोष ने अपने आराध्य भगवान राजीव लोचन एवं कुल देवता भुनेश्वरनाथ को समर्पित किया है।









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