गरियाबंद : जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की अधीक्षिका पर गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगा है। छात्राओं के पोषण के लिए शासन द्वारा भेजा गया पीडीएस चावल, निजी दुकान में बेचे जाने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गरियाबंद के फेमस लॉज के पास स्थित एक निजी दुकान में विद्यालय का चावल उतारा जा रहा था। टाटा मोटर्स का छोटा हाथी वाहन (क्रमांक CG04-NJ-0878) चावल से भरा खड़ा था। उसमें से छह कट्टा चावल पहले ही दुकान में उतर चुका था।जैसे ही खबर अधीक्षिका तक पहुँची, वाहन चालक घबराया और शेष चावल वापस विद्यालय ले गया।
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मामले में खबर प्रकाशित होते ही जिला प्रशासन हरकत में आया। प्रारंभिक जांच में विद्यालय के भंडार कक्ष में पीडीएस चावल की कमी पाई गई। वहीं छात्राओं ने भी अधीक्षिका पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई।
जिला कलेक्टर एवं मिशन संचालक, समग्र शिक्षा ने मामले की गंभीरता देखते हुए तत्काल चार सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है। इस समिति में अनुविभागीय अधिकारी (रा.), गरियाबंद,जिला मिशन समन्वयक, समग्र शिक्षा,सहायक खाद्य अधिकारी, गरियाबंद,प्राचार्य, स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय, गरियाबंद शामिल है।समिति को सात दिन के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
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स्थानीय जनता में आक्रोश घटना सामने आते ही स्थानीय लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। कई पालकों ने बताया कि,सरकार बच्चों के पोषण और शिक्षा के लिए अनाज देती है। उसे बाजार में बेच देना बच्चों के हक पर सीधा डाका है। यह सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि इंसानियत के खिलाफ अपराध है।
लोगों की नज़र अब जिला प्रशासन पर है। सवाल यह है कि दोषियों पर कितनी कड़ी कार्रवाई होगी। जनता का कहना है कि यदि इस मामले में कठोर कदम नहीं उठाए गए।तो भविष्य में बच्चों के अधिकारों पर इस तरह का डाका रोकना मुश्किल होगा।
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