कोलिहा (लवन) : विश्व के प्रथम वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा की जयंती प्रत्येक वर्ष 17 सितंबर को धूमधाम एवं पारंपरिक रूप से मनाई जाती है इस दिन संसार के वास्तु से संबंधित सभी यँत्र तंत्र कल कारखानों दुकानों में भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित की जाती है और विधि विधान एवं पारंपरिक रूप से पूजा अर्चना की जाती है खासकर इस पर्व को राजमिस्त्रियों मशीन चालक एवं मैकेनिको के बीच काफी उत्साह एवं जोश के साथ मनाया जाता है ग्राम कोलिहा के राजमिस्त्री ठेकेदार ओमप्रकाश वर्मा पुरषोत्तम वर्मा अमित कुमार वर्मा सन्तु राम विजय कुमार ग्राम कोरदा के अश्वनी वर्मा गंगा राम वर्मा भूपेन्द्र वर्मा द्वारा बताया गया कीविश्वकर्मा जयंती एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान विश्वकर्मा की पूजा और सम्मान के लिए मनाया जाता है। भगवान विश्वकर्मा को संसार का पहला वास्तुकार माना जाता है, जिन्होंने देवताओं के लिए भवन और अस्त्र-शस्त्र का निर्माण किया था। इस साल विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर 2025 को मनाई जाएगी, जो कन्या संक्रांति के दिन पड़ती है।
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भगवान विश्वकर्मा की पूजा से कार्यक्षेत्र में सफलता और उन्नति प्राप्त होती है।भगवान विश्वकर्मा की कृपा से निरंतर प्रगति होती है और कार्य में सुधार आता है। विश्वकर्मा जयंती शिल्पकारों और कारीगरों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, जो उनके कौशल और कला का सम्मान करता है।इस वर्ष विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत करेंगे। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करना है।इस प्रकार, विश्वकर्मा जयंती एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान विश्वकर्मा की पूजा और सम्मान के लिए मनाया जाता है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से कार्यक्षेत्र में सफलता और उन्नति प्राप्त होती है। साथ ही, पीएम विश्वकर्मा योजना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है, जो उन्हें आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करती है।
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