कवर्धा : छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में धान उपार्जन केन्द्रों की हकीकत चौंकाने वाली है। कहीं करोड़ों रुपए का धान रहस्यमयी तरीके से गायब हो रहा है तो कहीं संग्रहण केन्द्रों में हजारों क्विंटल धान पिछले आठ महीनों से उठाव न होने के कारण सड़ चुका है।
पंडरिया विकासखंड के बघर्रा संग्रहण केन्द्र का नजारा हैरान कर देने वाला था। खुले में पड़ा हजारों क्विंटल धान पूरी तरह सड़ चुका है। लगातार बारिश से धान में अंकुरण तक आ गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि, करोड़ों रुपए का धान पूरी तरह बर्बाद हो गया है।
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किसानों के साथ आम लोगों की सेहत से खिलवाड़
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि, इतनी ज्यादा मात्रा में सड़ा हुआ धान भी राईस मिलों को भेजा जा रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि, क्या इसी से बना चावल गरीबों के थाली में पीडीएस के जरिए पहुंचेगा? अगर ऐसा हुआ तो यह सिर्फ किसानों की मेहनत के साथ धोखा नहीं बल्कि आम लोगों की सेहत के साथ भी खिलवाड़ होगा। इससे गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
आखिर कौन है इस गड़बड़ी का जिम्मेदार
यह स्पष्ट है कि, जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी अपनी नाकामी छिपाने के लिए जनता और किसानों के साथ छलावा कर रहे हैं। सवाल उठता है कि, इस बर्बादी और गड़बड़ी के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है और कब होगी कार्रवाई?
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