पाकिस्तान आए दिन कुछ न कुछ ऐसा करता है कि पूरी दुनिया में उसकी बेइज्जती हो ही जाती है। ताजा मामला जापान से का जहां एक पाकिस्तानी फुटबॉल टीम टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए पहुंची थी।लेकिन वो एयरपोर्ट से निकलते उससे पहली ही विवाद खड़ा हो गया और पुलिस ने पूरी टीम को पहले जेल में डाला और फिर पाकिस्तान डिपोर्ट कर दिया गया। क्योंकि पूरी टीम ही फर्जी थी।
दरअसल, यह सभी लोग जापान में घुसने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन एयरपोर्ट पर पुलिसकर्मियों को शक हुए तो उन्होंने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करना शुरू कर दिया। जिससे पता चला कि वो लोग जापान में घुसने के लिए फर्जी फुटबॉल खिलाड़ी बनकर आए थे। इसके बाद जापानी अधिकारियों ने इसकी जानकारी पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी एफआईए को दी और पूरी टीम को डिपोर्ट कर दिया।
ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - टूटे भरोसे में सुसाशन सिर्फ दावा और दिखावा है
मानव तस्करी से जुड़ा है मामला
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, जापान सरकार ने एक जाली पाकिस्तानी फुटबॉल टीम को डिपोर्ट कर दिया है और इसके साथ ही पाकिस्तान को चेतावनी भी दी है। बताया गया कि ये सभी लोग फर्जी दस्तावेजों के सहारे फुटबॉल खिलाड़ी बनकर जापान ट्रेनिंग के लिए भेजे गए थे। तस्करों ने जापान भेजने के नाम हर व्यक्ति से करीब 40 लाख रुपये की वसूली किए थे।
जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला मानव तस्करी से जुड़ा हुआ है। संघीय जांच एजेंसी (FIA) ने 15 सितंबर को इससे जुड़े एक व्यक्ति मलिक वकास को भी गिरफ्तार किया है। वकास ने 'गोल्डन फुटबॉल ट्रायल' नाम से एक फर्जी फुटबॉल क्लब पंजीकृत कराया था और इसके जरिए वह लोगों को अवैध रूप से विदेश भेज रहा था।
FIA की जांच में पता चला कि आरोपी ने सियालकोट एयरपोर्ट से 22 लोगों की एक फर्जी फुटबॉल टीम को जापान रवाना किया था। लेकिन जापान पहुंचने पर अधिकारियों को दस्तावेजों में गड़बड़ी नजर आई, जिसके बाद उन्होंने टीम को डिपोर्ट कर दिया और मामले की जानकारी पाकिस्तानी अधिकारियों को दी।
फर्जी दस्तावेज और नकली ट्रेनिंग
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इन लोगों को फुटबॉलर की तरह ट्रेन किया गया था ताकि वे शक की नजर से बच सकें। वकास नेपाकिस्तानफुटबॉल महासंघ (PFF) का जाली रजिस्ट्रेशन लेटर और विदेश मंत्रालय से नकली अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) भी तैयार किया था।



Comments