जीएसटी सुधार परिवारों पर कर का बोझ होगा कम, 22 सितंबर से 400 सामान सस्ते होने से पहले आई बड़ी रिपोर्ट

जीएसटी सुधार परिवारों पर कर का बोझ होगा कम, 22 सितंबर से 400 सामान सस्ते होने से पहले आई बड़ी रिपोर्ट

नई दिल्ली: उद्योग संगठन फिक्की ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि जीएसटी सुधारों से परिवारों पर कर का बोझ कम होगा और छोटे व मझोले उद्यम (MSME) मजबूत होंगे। इससे अर्थव्यवस्था के औपचारिकरण को गति मिलेगी।इन सुधारों (GST Refroms) के साथ भारत एकल कर व्यवस्था के और करीब आएगा।

22 सितंबर से नए जीएसटी ढांचे के तहत लगभग 400 वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए नए निर्देश जारी किए हैं कि उपभोक्ता GST ढांचे के लाभों का सीधा अनुभव कर सकें और उन्हें पहचान सकें।

5% स्लैब में 149 आइटम्स

फिक्की की तस्करी और जालसाजी गतिविधियों के विरुद्ध काम करने वाली समिति (कैस्केड) ने एक रिपोर्ट में कहा कि जीएसटी में इस बदलाव से पांच प्रतिशत कर वाली वस्तुओं की हिस्सेदारी लगभग तिगुनी हो जाएगी। इस स्लैब वाली श्रेणियों की संख्या 'जीएसटी 2.0' में 54 से बढ़कर 149 हो जाएगी।

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इन्हें मिलेगा ज्यादा फायदा

इसमें कहा गया कि ग्रामीण परिवारों के लिए जिन उत्पादों को छूट प्राप्त है, उनकी हिस्सेदारी 56.3 प्रतिशत से बढ़कर 73.5 प्रतिशत होने की उम्मीद है। शहरी परिवारों के लिए यह हिस्सेदारी 50.5 प्रतिशत से बढ़कर 66.2 प्रतिशत होने की संभावना है।

रिपोर्ट में कहा गया कि इसके चलते ग्रामीण परिवारों के लिए प्रभावी जीएसटी दर 6.03 प्रतिशत से घटकर 4.27 प्रतिशत हो गई है। शहरी परिवारों के लिए यह 6.38 प्रतिशत से घटकर 4.38 प्रतिशत हो गई है। इसका मतलब है कि उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक खर्च करने योग्य आय होगी, जिससे सेवाओं, खुदरा और स्थानीय व्यवसायों पर विवेकाधीन खर्च को बढ़ावा मिलेगा।

GST 1.0 में बढा था अवैध बाजार

जीएसटी 1.0 से अवैध बाजारों का विस्तार हुआ रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी 1.0 की उच्च कर दरों से अवैध बाजारों का विस्तार हुआ और 2017-18 और 2022-23 के बीच, अवैध एफएमसीजी बाजारों में 70 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई, पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में लगभग 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई और अवैध तंबाकू व्यापार 41,000 करोड़ रुपये को पार कर गया। इस फलती-फूलती समानांतर अर्थव्यवस्था ने सरकारी राजस्व को काफी प्रभावित किया है।

2017 में लागू जीएसटी ने हमारे कराधान परिदृश् को बदल दिया। जीएसटी सुधारों से अल्पकालिक राजस्व की हानि होगी, लेकिन समय के साथ व्यापक उपभोग वृद्धि, बेहतर अनुपालन और व्यापक कवरेज द्वारा इसकी भरपाई की जा सकती है।









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