मुंगेली: नगर पालिका मुंगेली जो कभी विकास की उम्मीदों और प्रगति की योजनाओं से भरा हुआ था, आज नगर पालिका की लापरवाही और भ्रष्टाचार की वजह से अव्यवस्था का शिकार हो चुका है। जिस शहर को आधारभूत सुविधाओं से सुसज्जित होना चाहिए था, वहां अब जगह-जगह पुराना खंभा गिरने के कगार पर है । जिसके शिकायत के बाद भी आज तक निराकरण नहीं किया गया। वही शहर में गंदगी, सड़क मरम्मत, अव्यवस्थित यातायात और अस्वच्छ जल प्रबंधन जैसी समस्याएं नागरिकों के लिए नितांत पीड़ा का कारण बन चुकी हैं।
सड़कों और सफाई व्यवस्था का हाल बेहाल
शहर की सड़कें जगह-जगह गद्दा हैं। नालियों की मरम्मत न होने के कारण गंदा पानी सड़कों पर बहता है, जिससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है और बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। गली-मोहल्लों में गंदगी के ढेर आम नज़ारा बन गए हैं। नगर पालिका का सफाई तंत्र कागज़ों तक सीमित होकर रह गया है।
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अवैध कब्जे और यातायात की समस्या
फुटपाथ और मुख्य सड़कों पर ठेले-गुमटी और सब्जी विक्रेताओं का कब्जा यातायात को प्रभावित करता है। प्रशासन इन अवैध कब्जों को हटाने में पूरी तरह असफल साबित हो रहा है। इसके साथ ही, आवारा पशुओं का खुलेआम घूमना न केवल यातायात व्यवस्था को बाधित करता है, बल्कि आए दिन दुर्घटनाओं का कारण भी बन रहा है।
पेयजल और नदी प्रदूषण की विकराल समस्या
नगर के कई इलाकों में सार्वजनिक नल कनेक्शन जर्जर हो चुके हैं, जिससे लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। नगर की जीवनरेखा कही जाने वाली मुंगेली नदी का हाल और भी चिंताजनक है। नगर पालिका की लापरवाही के चलते नदी में लगातार कचरा और गंदगी डाली जा रही है, जिससे उसका जल प्रदूषित हो चुका है। नदी किनारे समुचित घाटों का न होना धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए भी बड़ी बाधा है।
नागरिक सुविधाओं का अभाव
शहर में बच्चों के खेलने के लिए कोई खेल मैदान या पार्क नहीं है। चौपाटी जैसी सार्वजनिक सुविधाएं भी नदारद हैं। नागरिक जीवन की गुणवत्ता से सीधे जुड़े इन बुनियादी ढांचों की अनुपस्थिति ने लोगों को मायूस कर दिया है।
भ्रष्टाचार और राजनीति की चमक-दमक
नगर पालिका के अधिकारी और कर्मचारी जनता की शिकायतों पर ध्यान नहीं देते। योजनाएं बनती तो हैं, लेकिन कागज़ों और बैठकों तक सीमित रह जाती हैं। राजनेता जनता की समस्याओं पर ठोस कदम उठाने के बजाय केवल उद्घाटन, शिलान्यास और फोटो खिंचवाने तक सीमित रहते हैं। इससे नगर पालिका पर जनता का विश्वास पूरी तरह डगमगा चुका है।
नागरिकों की पीड़ा
मुंगेली के नागरिकों का कहना है कि वे लंबे समय से इन समस्याओं से जूझ रहे हैं, लेकिन समाधान की कोई ठोस पहल सामने नहीं आती। उनका आरोप है कि नगर पालिका और नगर प्रशासन केवल दिखावटी कार्यों में जुटे रहते हैं। लोगों का कहना है कि शिकायतें दर्ज कराईं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती," एक स्थानीय नागरिक ने बताया।
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समाधान की मांग
स्थिति अब इतनी गंभीर हो चुकी है कि यदि तुरंत ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले वर्षों में मुंगेली की हालत और भी खराब हो सकती है। जनता की मांग है कि— नगर पालिका की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाई जाए, भ्रष्टाचार पर नकेल कसते हुए जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह बनाया जाए, सड़कों, नालियों और सफाई व्यवस्था को प्राथमिकता देकर सुधार किया जाए, अवैध कब्जे और आवारा पशुओं की समस्या पर तत्काल नियंत्रण किया जाए, नदी संरक्षण और स्वच्छ पेयजल आपूर्ति को सुनिश्चित किया जाए, बच्चों और नागरिकों के लिए पार्क, चौपाटी और सार्वजनिक स्थल विकसित किए जाएं। नगर पालिका मुंगेली एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है, जहां केवल कड़ी और ईमानदार प्रशासनिक कार्रवाई ही उसे अव्यवस्था और भ्रष्टाचार के साए से बाहर निकाल सकती है। यदि नगर पालिका ने अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं निभाया, तो यह शहर अपने विकास की पहचान पूरी तरह खो देगा। मुंगेली के नागरिकों को एक स्वच्छ, व्यवस्थित और विकसित शहर का हक है—जिसे बिना किसी देरी के पूरा करना शासन और प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।
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