सितंबर के आखिरी या अक्टूबर के पहले सप्ताह में करें लहसुन की खेती,होगी बंपर कमाई

सितंबर के आखिरी या अक्टूबर के पहले सप्ताह में करें लहसुन की खेती,होगी बंपर कमाई

लहसुन की खेती का समय शुरू होने वाला है. सितंबर के आखिरी या अक्टूबर के पहले सप्ताह में इसकी बुवाई होगी. किसान वैज्ञानिक सलाह पर इसकी खेती करें तो एक एकड़ खेत में एक सीजन में 2 से 2.5 लाख रुपये तक आमदनी संभव है.

सितंबर का महीना चल रहा है. ऐसे में किसान यदि थोड़ा दिमाग लगाकर खेती करें तो लखपति बन सकते है. बलुई दोमट मिट्टी लहसुन की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती  है. इसमें मिट्टी में नमी संतुलित रहती है और जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होने से लहसुन की फसल बेहतरीन तरीके से तैयार हो सकती है.

'ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - मोर संग चलव रे ,मोर संग चलव गा

लहसुन की खेती किसानों को लखपति बन सकती है. अच्छी पैदावार के लिए किस्म का चुनाव बहुत अहम होता है. किसानों को चाहिए कि वे अच्छी गुणवत्ता वाले, रोगमुक्त और वजनदार कलियों का बीज चुनें. इससे न केवल पैदावार अधिक होती है बल्कि फसल का आकार और गुणवत्ता भी बेहतर मिलती है.

आगे कहा कि लहसुन की बुवाई के लिए सितंबर का अंतिम सप्ताह से अक्टूबर का पहला सप्ताह सबसे उपयुक्त माना जाता है. इस समय मौसम न तो बहुत गर्म होता है और न ही बहुत ठंडा, जो फसल के अंकुरण और विकास के लिए अनुकूल परिस्थितियां प्रदान करता है.

खेती शुरू करने से पहले खेत की 2-3 बार गहरी जुताई करनी चाहिए. इसके बाद गोबर की खाद मिलाकर खेत को भुरभुरा और समतल बना लेना चाहिए. खेत में नमी बनाए रखने और पौधों को मजबूती देने के लिए गोंगूरा बनाने की सलाह दी जाती है.

आगे कहा कि लहसुन की कलियों को कतारों में बोया जाता है. पौधे से पौधे की दूरी 5 सेंटीमीटर से 7.5 सेमी और कतार से कतार की दूरी 15 सेमी रखी जाती है। बीज को करीब 5 सेमी गहराई में बोना चाहिए. इससे पौधों को पर्याप्त जगह और पोषण मिलता है.

ये भी पढ़े : ड्रीम गर्ल देखकर बनाया आइडिया,फेसबुक पर लड़की बनकर ठेकेदार से लाखों की ठगी

उन्होंने कहा कि पहली सिंचाई बुवाई के 8-10 दिन बाद करनी चाहिए. इसके बाद हर 10-15 दिन के अंतराल पर जरूरत अनुसार सिंचाई करनी जरूरी है. साथ ही, समय-समय पर खरपतवार हटाना भी आवश्यक है ताकि पौधे स्वस्थ और मजबूत बनें.

आगे कहा कि जब लहसुन के ऊपरी हिस्से सूखकर नीचे गिरने लगें, तब फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है. एक एकड़ में करीब 30-50 क्विंटल तक उत्पादन संभव है. बाजार भाव ₹5,000 से ₹20,000 प्रति क्विंटल होता है. ऐसे में किसान खर्चा काटकर 2 से 2.5 लाख रुपये आसानी से बचा सकते हैं.









You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे

Comments

  • No Comments...

Leave Comments