नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ में वर्ष 2015 में भाजपा की डा. रमन सिंह सरकार में सामने आए नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले में आरोपित बनाए गए दो पूर्व आइएएस अधिकारियों डा. आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को सोमवार को ईडी की दिल्ली से आई टीम ने रायपुर से गिरफ्तार कर लिया।
कोर्ट से 16 अक्टूबर तक रिमांड की मंजूरी मिलने पर जांच एजेंसी दोनों को दिल्ली लेकर रवाना हो गई। आरोप है कि शुक्ला और टुटेजा ने अपने पद और अधिकार का दुरुपयोग करते हुए जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने रद की जमानत
शुक्ला और टुटेजा को हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत मिली थी। इसे पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की डबल बेंच ने रद कर दिया था।
क्या है मामला?
बता दें कि 12 फरवरी 2015 को नान के 28 परिसरों पर एसीबी और इओडब्ल्यू ने एक साथ छापे मारे थे। इस दौरान 3.64 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए थे। साथ ही एकत्र किए गए चावल और नमक के कई नमूनों की गुणवत्ता की जांच की गई, जो घटिया निकले थे।
आरोप था कि राइस मिलों से करोड़ों का घटिया चावल लिया गया और इसके बदले करोड़ों का लेनदेन यानी रिश्वतखोरी हुई। उस समय शुक्ला खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव थे और टुटेजा नान के प्रबंधक थे। यह घोटाला 36 हजार करोड़ रुपये का बताया जा रहा है।
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