अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच1बी वीजा से संबंधित नई शर्तों के लागू होने के बाद सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में आईटी कंपनियों के शेयरों में भारी उथल-पुथल देखने को मिली।इसके चलते, जीएसटी लागू होने और नवरात्रि के साथ त्योहारी सीजन की शुरुआत के बावजूद, बाजार में गिरावट का दौर जारी रहा। इस स्थिति ने निवेशकों को एक ही दिन में लगभग एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।
सबसे अधिक गिरावट वाले आईटी शेयर
आईटी कंपनियों में सबसे बड़ा नुकसान टीसीएस (-35,500 करोड़), इंफोसिस (-18,500 करोड़) और एचसीएल टेक व एलटीआईएम (-7,600-7,600 करोड़) जैसी प्रमुख कंपनियों को हुआ। इसके अलावा, विप्रो, टेक महिंद्रा, पर्सिस्टेंट, एमफैसिस और कोफोर्ज जैसी कंपनियां भी हजारों करोड़ रुपये के घाटे में रहीं। छोटे आईटी शेयर जैसे एलटीटीएस, ईक्लर्क्स, जेनसर, टाटा टेक, टाटा एल्क्सी और केपीआईटी टेक भी इस झटके से प्रभावित हुए।
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आईटी इंडेक्स में गिरावट का सिलसिला
विशेषज्ञों का मानना है कि इंफोसिस, टीसीएस, एचसीएल टेक्नॉलॉजीज और टेक महिंद्रा जैसी कंपनियों का कारोबार काफी हद तक अमेरिकी बाजार पर निर्भर है। इन कंपनियों के हजारों कर्मचारी एच1बी वीजा के माध्यम से अमेरिका में कार्यरत हैं। वीजा की लागत में वृद्धि से कंपनियों की परिचालन लागत बढ़ेगी, जिससे उनके मुनाफे पर दबाव पड़ सकता है। यही कारण है कि सोमवार को निवेशकों में घबराहट देखी गई और आईटी इंडेक्स दिनभर लाल निशान में बना रहा।
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दूसरे दिन भी शेयर बाजार में गिरावट
बीएसई सेंसेक्स ने लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की, जो 30 शेयरों के साथ 466.26 अंक या 0.56 प्रतिशत गिरकर 82,159.97 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, यह 628.94 अंक या 0.76 प्रतिशत गिरकर 81,997.29 अंक तक पहुंच गया। एनएसई निफ्टी भी 124.70 अंक या 0.49 प्रतिशत गिरकर 25,202.35 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विस, इंफोसिस, एचसीएल टेक, टाटा मोटर्स, ट्रेंट, रिलायंस इंडस्ट्रीज और लार्सन एंड टुब्रो प्रमुख रूप से पिछड़ने वाले शेयरों में शामिल रहे।

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