अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गर्भवती महिलाओं से अपील करते हुए पैरासिटामोल का सेवन नहीं करने की अपील की है। उन्होंने दावा किया है कि दवा के सेवन से बच्चों में ऑटिज्म का खतरा बढ़ सकता है।उनके इस बयान ने सोशल मीडिया और मेडिकल समुदाय में नई बहस छेड़ दी है।भारत सहित दुनिया भर के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने ट्रंप के बयान को बिना ठोस प्रमाण वाला बताया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि पैरासिटामोल और ऑटिज्म के बीच सीधा संबंध होने का कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं मिला है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान कोई भी दवा अत्यधिक या लंबे समय तक इस्तेमाल करने से बुरा असर डाल सकती है।
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ट्रंप का बयान इसलिए क्योंकि भारत भेज रहा दवा
ट्रंप ने टाइलेनोल यानी पेरासिटामोल दवा को असुरक्षित होने का दावा करते हुए अमेरिका के एफडीए को चेतावनी जारी करने के लिए कहा है। विशेषज्ञ इस दावे के पीछे टैरिफ के बाद ट्रंप का भारत के लिए एक और निशाना मानते हैं क्योंकि भारत ने अक्तूबर 2023 से सितंबर 2024 तक पैरासिटामोल की 95 खेप अमेरिका निर्यात की हैं। ये निर्यात 10 भारतीय निर्यातकों द्वारा 50 अमेरिकी खरीदारों को किए गए जो पिछले बारह महीनों की तुलना में 46% की वृद्धि दर्शा रहा है। अकेले सितंबर 2024 में, भारत से 13 पेरासिटामोल निर्यात शिपमेंट किए गए जो सितंबर 2023 की तुलना में 13% अधिक है।
मुश्किल हालात में देनी पड़ती है दवा...
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की पूर्व स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डॉ. नीरजा भाटला का कहना है कि पैरासिटामोल गर्भावस्था में सबसे सुरक्षित दर्द निवारक मानी जाती है। इसका उपयोग कम खुराक और कम समय के लिए किया जाए तो यह सुरक्षित है। सर गंगाराम अस्पताल की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. आभा मजूमदार ने कहा कि आमतौर पर किसी भी गर्भवती महिला को दवाएं लेने से इन्कार किया जाता है लेकिन अगर कोई चोटिल है, हड्डी टूट जाती है या कोई संक्रमण है तो उसे कुछ सीमित मात्रा के साथ यह दवा दी जा सकती है।
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वैज्ञानिक अध्ययनों में तथ्य कुछ और...
बंगलूरू स्थित निम्हांस के एक हालिया अध्ययन के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान लंबे समय तक और बार-बार पैरासिटामोल लेने पर बच्चों में कुछ न्यूरो-डेवलपमेंट प्रभाव दिख सकते हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हुआ है। हार्वर्ड और माउंट साइनाई विवि के शोधकर्ताओं ने 46 अध्ययनों में गर्भावस्था में लंबे समय तक पैरासिटामोल का उपयोग करने पर ऑटिज्म और अतिसक्रियता विकार (एडीएचडी) का थोड़ा बढ़ा हुआ जोखिम देखा गया, लेकिन इन अध्ययनों की डिजाइन प्रेक्षणात्मक रही, इसलिए यह तय नहीं कहा जा सकता कि दवा इसका कारण है।
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