नई दिल्ली : विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने मंगलवार को कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था कमजोर वृद्धि और व्यवस्थागत व्यवधान के दौर में प्रवेश कर रही है और वर्ष 2026 तक यह प्रवृत्ति और भी गहरी हो सकती है।
डब्ल्यूईएफ की नवीनतम 'मुख्य अर्थशास्त्रियों का परिदृश्य' रिपोर्ट कहती है कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 2025 में इसकी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका द्वारा हाल ही में भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने से देश की विनिर्माण महत्वाकांक्षाओं पर असर पड़ सकता है, जिसका प्रभाव पूरे दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय परिदृश्य पर पड़ेगा।
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रिपोर्ट में शामिल 72 प्रतिशत मुख्य अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगले वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था और कमजोर होगी। इसकी प्रमुख वजहें बढ़ते व्यापार व्यवधान, नीतिगत अनिश्चितता और तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी बताई गई हैं।
डब्ल्यूईएफ ने कहा कि पश्चिम एशिया एवं उत्तरी अफ्रीका, दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र जैसे उभरते बाजार वैश्विक वृद्धि के मुख्य इंजन बने रहेंगे।
इसके विपरीत, अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती बनी रहने की आशंका है। यूरोप में 40 प्रतिशत और अमेरिका में 52 प्रतिशत अर्थशास्त्री कमजोर या बेहद कमजोर वृद्धि की आशंका जता रहे हैं।
चीन को लेकर मुख्य अर्थशास्त्रियों का नजरिया मिला-जुला है। करीब 56 प्रतिशत विशेषज्ञ चीन में मध्यम वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन मुद्रास्फीति में गिरावट का दबाव बने रहने की आशंका है।
दक्षिण एशिया के संदर्भ में रिपोर्ट कहती है कि मौजूदा हालात में वृद्धि की उम्मीदें कुछ नरम पड़ी हैं। अप्रैल में 33 प्रतिशत अर्थशास्त्री मजबूत वृद्धि की संभावना देख रहे थे लेकिन अब यह आंकड़ा घटकर 31 प्रतिशत रह गया है। इसके उलट, मध्यम वृद्धि की उम्मीद करने वालों का हिस्सा 55 प्रतिशत से बढ़कर 66 प्रतिशत हो गया है।
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भारत में खुदरा महंगाई जुलाई में घटकर 1.55 प्रतिशत पर आ गई थी, जो 2017 के बाद सबसे निचला स्तर है। हालांकि, अगस्त के अंत में यह बढ़कर 2.07 प्रतिशत हो गई।
डब्ल्यूईएफ की प्रबंध निदेशक सादिया जाहिदी ने कहा, "व्यापार, प्रौद्योगिकी, संसाधन और संस्थानों में व्यवधान नए आर्थिक परिवेश का निर्माण कर रहे हैं। नेताओं को आज की अशांति को आने वाले कल की मजबूती में बदलने के लिए तत्काल एवं मिलकर कदम उठाने होंगे।"
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