रायपुर : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित आबकारी घोटाले में एक बार फिर से नई हलचल तेज हो गई है। ईडी (ED) की कार्रवाई के बाद अब आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने भी मामले में सक्रियता बढ़ा दी है। इसी क्रम में बुधवार की दोपहर रायपुर सेंट्रल जेल में बंद आरोपी चैतन्य बघेल को ईओडब्लू की ओर से जारी प्रोडक्शन वारंट पर विशेष अदालत (ACB/EOW स्पेशल कोर्ट) में पेश किया गया। सूत्रों के अनुसार, मंगलवार देर शाम ईओडब्लू ने कोर्ट में आवेदन पेश किया था, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद बुधवार 24 सितंबर को भोजनावकाश के बाद चैतन्य बघेल को जेल से निकालकर अदालत लाया गया। कोर्ट में पेश होते ही ईओडब्लू ने आरोपी को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया और उसके पुलिस रिमांड की मांग की। अब यह देखना बाकी है कि अदालत ईओडब्लू को कितने दिनों का रिमांड देती है।
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ईडी और ईओडब्लू दोनों कर रहे जांच
आबकारी घोटाले की जांच एक ओर जहां प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रहा है, वहीं दूसरी ओर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) भी अपनी स्वतंत्र जांच आगे बढ़ा रहा है। चैतन्य बघेल पहले से ही ईडी की कार्रवाई में गिरफ्तार होकर रायपुर सेंट्रल जेल में बंद था। अब ईओडब्लू के प्रोडक्शन वारंट के बाद उसे दोहरी जांच का सामना करना पड़ रहा है।
हाईकोर्ट में दाखिल की अग्रिम जमानत याचिका
इधर, चैतन्य बघेल ने गिरफ्तारी से बचने के लिए मंगलवार 23 सितंबर को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका भी दायर कर दी है। हालांकि, इस याचिका पर सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी चैतन्य ने ईओडब्लू के खिलाफ हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी। उस समय हाईकोर्ट ने यह कहते हुए आवेदन खारिज कर दिया था कि आरोपी निचली अदालत में आवेदन दाखिल करे और अदालत इसे प्राथमिकता से सुने।
पहले भी टल चुकी थी गिरफ्तारी
गौरतलब है कि जब पिछली बार ईओडब्लू ने चैतन्य बघेल के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट लिया था और उसे जेल से अदालत लाया गया था, उसी वक्त हाईकोर्ट का आदेश आ गया था। आदेश में कहा गया था कि निचली अदालत को अग्रिम जमानत याचिका पर प्राथमिकता से सुनवाई करनी होगी। इस वजह से ईओडब्लू उस समय चैतन्य को न तो गिरफ्तार कर पाई और न ही रिमांड पर ले सकी। लेकिन इस बार प्रोडक्शन वारंट के साथ परिस्थितियां बदल चुकी हैं।
चैतन्य बघेल की मुश्किलें बढ़ीं
विशेष अदालत में पेशी के दौरान ईओडब्लू ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि चैतन्य बघेल से पूछताछ जरूरी है, क्योंकि घोटाले में कई नए वित्तीय लेन-देन और अधिकारियों-व्यापारियों के बीच की सांठगांठ के सबूत सामने आ रहे हैं। माना जा रहा है कि बघेल के बयान और उससे मिली जानकारी के आधार पर ईओडब्लू अन्य बड़े चेहरों पर भी शिकंजा कस सकती है।
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