वास्तु शास्त्र में माना गया है कि यदि आप घर के हर हिस्से में वास्तु नियमों का ध्यान रखते हैं, तो इससे आपको अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आपको सीढ़ियों से संबंधित किन वास्तु नियमों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि आपको वास्तु दोष का सामना न करना पड़े।
दिशा का रखें खास ध्यान
वास्तु शास्त्र में माना गया है सीढ़ियां घर की पश्चिम या दक्षिण दिशा या फिर दक्षिण-पश्चिम दिशा जिसे नैऋत्य कोण कहा जाता है, में होनी चाहिए। इससे जातक को शुभ परिणाम मिलते हैं। इसी के साथ इस बात का भी ध्यान रखें कि आपके घर में सीढ़ियों की दिशा पूर्व या उत्तर दिशा उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) बिल्कुल न हों।ऐसा होने पर आपको वास्तु दोष का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही घर के केंद्र यानी ब्रह्मस्थान में भी सीढ़ियां नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रवाह रुक सकता है।
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कितनी होनी चाहिए संख्या
वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार, सीढ़ियों की संख्या विषम (उदाहरण 15, 15 या 21) होनी चाहिए और सीढ़ियां कभी भी शून्य पर समाप्त नहीं होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर घर में ऐसा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है।
न करें ये गलतियां
सीढ़ियों के नीचे बाथरूम, किचन या टॉयलेट नहीं बनवाना चाहिए। ये वास्तु दोष का कारण बन सकता है। इसकी जगह आप सीढ़ियों के नीचे स्टोर रूम बनवा सकते हैं। सीढ़ियां बनवाते समय यह सुनिश्चित करें कि सीढ़ियों पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था हो और वह हवादार भी हों।
इसके साथ ही सीढ़ियों के लिए हल्का रंग अच्छा माना गया है, इससे भी घर में पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है। इन बातों का ध्यान रखने से नकारात्मक ऊर्जा से बचाव होता है।
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