दुर्ग : जिले की पुलिस ने निवेश के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले आरोपी को बड़ी कार्रवाई करते हुए ओडिशा के संबलपुर से गिरफ्तार किया है। मामला नेवई थाना क्षेत्र का है, जहां आरोपी ने एमसीएक्स कंपनी के नाम पर लोगों से लगभग 50 लाख रुपये की ठगी की थी। पुलिस की इस कार्रवाई से निवेशकों को राहत मिली है और आर्थिक अपराधों के खिलाफ पुलिस की सक्रियता भी सामने आई है। प्रकरण की शुरुआत तब हुई जब प्रार्थी योगेश कुमार साहू ने थाना नेवई में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि
आरोपी संतोष आचार्य और प्रकाश चंद पाढ़ी ने एमसीएक्स कंपनी के नाम पर उन्हें और उनके परिचितों को निवेश का झांसा दिया। आरोपियों ने निवेश पर प्रतिमाह 3 से 7 प्रतिशत लाभांश देने का वादा किया और निवेश की गारंटी के लिए बांड पेपर भी उपलब्ध कराया। शुरुआत में आरोपियों ने निवेशकों का विश्वास जीतने के लिए समय-समय पर कुछ रकम लौटाई भी, जिससे निवेशक और लोग भी इस योजना से जुड़ते गए। धीरे-धीरे यह रकम करोड़ों तक पहुंच गई।
ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - वक्त था निखरने का, ईमानदारी बिखर गई
ठगी का खुलासा
जांच में सामने आया कि जुलाई-अगस्त 2024 से आरोपी निवेश की राशि लौटाने से बचने लगे। निवेशकों द्वारा बार-बार रकम वापसी की मांग किए जाने पर उन्होंने अक्टूबर के अंत तक भुगतान करने का भरोसा दिलाया। लेकिन समय बीतने के बाद भी रकम वापस नहीं की गई। इसके बाद निवेशकों को समझ आया कि वे बड़े पैमाने पर ठगी का शिकार हो गए हैं। इस मामले में कुल 49.50 लाख रुपये की धोखाधड़ी की पुष्टि हुई। आरोपियों ने निवेशकों के भरोसे और लालच का फायदा उठाते हुए बड़ी रकम हड़प ली।
पुलिस की जांच और कार्रवाई
शिकायत दर्ज होने के बाद दुर्ग पुलिस ने प्रकरण को गंभीरता से लिया। थाना नेवई की टीम ने जांच शुरू की और सबूत जुटाए। इस दौरान यह सामने आया कि आरोपी संतोष कुमार आचार्य और प्रकाश चंद पाढ़ी इस ठगी में मुख्य भूमिका निभा रहे थे। मुख्य आरोपी संतोष आचार्य पहले ही संबलपुर, ओडिशा में गिरफ्तार होकर जेल भेजा जा चुका था। वहीं, सह-आरोपी प्रकाश चंद पाढ़ी फरार चल रहा था। पुलिस ने तकनीकी विश्लेषण और मुखबिर तंत्र की मदद से उसकी लोकेशन का पता लगाया और संबलपुर से गिरफ्तार कर लिया।
टीम की भूमिका
आरोपी को पकड़ने में थाना नेवई के थाना प्रभारी उपनिरीक्षक कमल सिंह सेंगर और उनकी टीम के आरक्षक रवि बिसाई और हेमंत नेताम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पुलिस की इस सतर्कता और तत्परता से आरोपी को गिरफ्तार करना संभव हो पाया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि निवेश और व्यापार के नाम पर होने वाली ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे मामलों में आम लोग झूठे लालच में फंसकर अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठते हैं। इसीलिए पुलिस लगातार लोगों को सतर्क रहने की सलाह देती रही है। उन्होंने बताया कि किसी भी तरह के निवेश करने से पहले उसकी वैधता और कंपनी की पंजीयन स्थिति की जांच करनी चाहिए। साथ ही निवेश पर असामान्य लाभ का वादा करने वाली योजनाओं से सावधान रहना चाहिए। इस मामले में स्थानीय लोगों का कहना है कि आरोपी लंबे समय से इस तरह की गतिविधियों में शामिल था और कई लोगों को अपने जाल में फंसा चुका है। निवेशकों ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना की और कहा कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई जरूरी है ताकि आम लोगों का भरोसा कायम रह सके।
Comments