शिक्षा विभाग की खुली पोल,कुडेकेल स्कूल में जांच के बजाय भेट मुलाकात

शिक्षा विभाग की खुली पोल,कुडेकेल स्कूल में जांच के बजाय भेट मुलाकात

महासमुंद :  शिक्षा विभाग में जिन्हे जांच हेतु जिम्मेदारी सौंपा गया है, वो ही जांच की लीपापोती कर रहे है। हैरत की बात है कि जांच करने से पूर्व औचक निरीक्षण के बहाने स्कूल पहुंच करके संबंधित से भेट मुलाकात कर रहे है। यह मामला है महासमुन्द जिला अन्तर्गत बसना ब्लाक के शासकीय हायर सेकेन्डरी स्कूल कुडेकेल का है।

बात दे कि इस स्कूल के ब्याख्याता संजय अग्रवाल की शिकायत जनतिनिधिगण एवं ग्रामीणो ने 04 जून को संभागीय संयुक्त संचालक रायपुर में शिकायत की है। संजय अग्रवाल पर आरोप है कि वे अपनी पत्नी के बीमा एंजेसी हेतु जीवन बीमा करवाने हेतु दबाब बनाते है, बच्चो को फेल अथवा पूरक कर देने की धमकी देते है। जनप्रतिनिधियो के साथ भी अच्छा व्यवहार नही करते है, हमेशा उपेक्षा करते है। स्कूल विलंब आकर शीघ्र चले जाते है। 

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अन्य 06 बिन्दूओ में शिकायत की है। जांच हेतु तात्कालीन संयुक्त संचालक राकेश पांडेय ने 06 जून को विजय लहरे डीईओ महासमुन्द और सी.एल. पुहुप प्राचार्य केजुआ को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त करके सभी पक्षो को सुनवाई का पर्याप्त अवसर देकर उनका पक्ष प्राप्त करते हुए समग्र रूप से तथ्यात्मक प्रतिवेदन 15 दिवस में अनिवार्यतः प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

ग्रामीणो से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज पर्यन्त तक इस शिकायत मामले में उन्हे कोई भी नोटिस नही मिला है। जिस कारण वो उपस्थित नही हो पा रहे है। भरोसेमंद सूत्रो ने बताया कि विजय लहरे डीईओ ने 02 अगस्त को कुडेकेल पहुंचकर वहां जीवन बीमा का कलेण्डर की जब्ती करके गाडी में ले गये है। व संबंधित शिक्षक को महासमुन्द कार्यालय में मिलने की बात कही। 04 अगस्त को महासमुन्द में डीईओ से मुलाकात नही होने से पुनः 06 अगस्त को मिलने बुलाया गया। जिसकी चर्चा जोरो से हो रही है।

इस मामले में जांचकर्ता अधिकारी सी.एल.पुहुप ने बताया कि उन्हे विजय लहरे डीईओ ने कुडेकेल स्कूल जाकर अकेले जांच पूर्ण कर लिया हूं, बोले है। आगे बताया कि उन्होने शिकायतकर्ता को आज पर्यन्त नोटिस जारी नही किया है, जबकि नियमानुसार करना चाहिए। इस शिकायत प्रकरण में विजय लहरे ने बताया कि वे कुडेकेल स्कूल में प्रांरभिक जांच करने अकेले ही गये थे, शिकायतकर्ताओ को जांच की सूचना नही दी है। इसके साथ एक और शिकायत की जांच की जानी है।

इस पूरे मामले मेें संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय से जानकारी लेने पर पता चला कि इस शिकायत प्रकरण में जांच रिपोर्ट प्राप्त नही हुआ है। संजीव श्रीवास्तव संभागीय संयुक्त संचालक का पक्ष जानने हेतु उनके मोबाइल पर काल किया, घंटी बजी लेकिन उन्होने काल रिसिव नही किया है।









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