हाईकोर्ट में पीएससी भर्ती को लेकर एक और बड़ा विवाद

हाईकोर्ट में पीएससी भर्ती को लेकर एक और बड़ा विवाद

बिलासपुर : हाईकोर्ट में पीएससी भर्ती को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है. आरोप है कि चयनित उम्मीदवार ने इंटरव्यू के समय मूल स्थायी जाति प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं किया था, इसके बावजूद उसे मेरिट सूची में प्रथम स्थान दिया गया. कोर्ट ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग सीजीपीएससी को पूरा रिकार्ड पेश करने के निर्देश दिया है. याचिकाकर्ता दिग्विजय दास सिरमौर ने याचिका दायर कर बताया कि, विज्ञापन की शर्तों के क्लाज 10 (डी) में स्पष्ट लिखा है कि उम्मीदवार को इंटरव्यू के समय एमडीएम द्वारा जारी स्थायी जाति प्रमाणपत्र की मूल प्रति प्रस्तुत करनी होगी.

 

अगर ऐसा नहीं होता है तो उम्मीदवार की उम्मीदवारी स्वत: रद्द मानी जाएगी. याचिकाकर्ता की और से पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता वाय सी. शर्मा ने अदालत को बताया कि चयनित उम्मीदवार प्रदीप कुमार सोनकर ने न तो इंटरव्यू के समय मूल जाति प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया और न ही बाद में मान्य प्रमाणपत्र पेश किया है. ऐसे में उसकी उम्मीदवारी पहले ही निरस्त हो जानी चाहिए थी.

ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - वक्त था निखरने का, ईमानदारी बिखर गई

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने दलील पेश करते हुए कहा, अगर प्रदीप कुमार सोनकर की उम्मीदवारी रद्द होती, तो मेरिट में दूसरे स्थान पर रहे गोपाल प्रसाद आनंद को नियुक्ति मिलती और याचिकाकर्ता को प्रतीक्षा सूची में रखा जाएगा.

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस नरेश कुमार चंद्रवंशी की बेंच ने सीजीपीएससी से पूछा है कि प्रदीप कुमार सोनकर ने इंटरव्यू के समय मूल स्थायी जाति प्रमाणपत्र दाखिल किया था या नहीं. कोर्ट आयोग को नोटिस जारी कर पूरा रिकार्ड और नोटशीट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है. मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने अक्टूबर 2025 की तिथि तय कर दी है.









You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments