छत्तीसगढ़ में सब्जियों के हैं अनोखे नाम, जानकर खी-खी हंस पड़ेंगे आप

छत्तीसगढ़ में सब्जियों के हैं अनोखे नाम, जानकर खी-खी हंस पड़ेंगे आप

छत्तीसगढ़ अपनी संस्कृति के लिए दुनिया भर में जाना जाता है. इसकी भाषा अन्य भाषाओं से अलग है, जो इसे एक विशिष्ट पहचान प्रदान करती है. हालांकि छत्तीसगढ़ी कुछ हद तक हिंदी से मिलती-जुलती है, लेकिन इसकी शब्दावली और बोलियां थोड़ी अलग हैं. छत्तीसगढ़ में सब्जियों के भी अनोखे नाम हैं. आइए जानें भिंडी को क्या कहते हैं.

छत्तीसगढ़ी भाषा में कई चीज़ों का उच्चारण अलग-अलग होता है. यहां की सब्ज़ियों के नाम सुनकर अक्सर बाहरी लोग हैरान रह जाते हैं. ऐसे में आज हम आपको छत्तीसगढ़ी भाषा में कुछ सब्ज़ियों के नाम बताने जा रहे हैं.


भिंडी बहुत स्वादिष्ट होती है. आप इसे दही के साथ या यूं ही बना सकते हैं. हिंदी में भिंडी को भिंडी ही कहते हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ी भाषा में इसे रमकेलिया कहते हैं.

 

छत्तीसगढ़ में टमाटर को "पताल" कहा जाता है. यह नाम सुनकर ही बाहर से आने वाले लोग हैरान रह जाते हैं. अब टमाटर की बात करें तो यह एक ऐसी सब्ज़ी है जिसके बिना कोई भी खाना अधूरा लगता है.

ग्वारफली एक हरी सब्ज़ी है. आमतौर पर इसे क्लस्टर बीन्स कहा जाता है. लेकिन ग्वारफली को छत्तीसगढ़ में एक अनोखा नाम मिला है. इसे यहां "चुरचुटिया" कहा जाता है.

बैंगन को छत्तीसगढ़ में भाटा कहते हैं. ये काफ़ी स्वादिष्ट होता है. इससे सूखी सब्ज़ी भार्ता या रसीली सब्ज़ी बनाई जाती है, जो कई लोगों की पसंदीदा होती है.

छत्तीसगढ़ में प्याज को गोदली कहते हैं. बाज़ार में बाहरी लोगों के लिए यह नाम थोड़ा उलझन भरा हो सकता है. बता दें कि कि प्याज हर किसी की रसोई का एक ज़रूरी हिस्सा है. सब्ज़ियां इसके बिना अधूरी हैं.

इसके अलावा छत्तीसगढ़ में गांठ गोभी को नवल गोल, अदरक को आदा, कद्दू को मखना, बांस (कोमल डंडी) को करील, नींबू को लिम्बु / लिमऊ और मटर को बटरा कहा जाता है.








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