दंतेवाड़ा: कांग्रेस पार्टी के अल्पसंख्यक विभाग जिला अध्यक्ष आसिफ़ रजा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बाढ़ पीड़ितों के लिए भेजी गई राहत सामग्री के प्रबंधन में गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी नाकामी छिपाने के लिए कांग्रेस पर उल्टा राजनीति करने का आरोप लगा रही है, जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा ने बाढ़ पीड़ितों की जरूरतों की पूरी तरह अनदेखी की। आसिफ़ रजा ने बताया कि गुजरात से दंतेवाड़ा जिले के लिए भेजी गई राहत सामग्री, जिसमें आलू, प्याज और अन्य खाद्य सामग्री शामिल थी, एक सराहनीय पहल थी। लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं और स्थानीय प्रशासन की उदासीनता के कारण यह सामग्री जरूरतमंदों तक नहीं पहुंची। इसके बजाय, सामग्री को दंतेवाड़ा के गोदामों और गीदम नगर पंचायत के नवनिर्मित बाजार स्थल पर 10 दिनों तक पड़ा रहने दिया गया, जिसके कारण वह सड़कर खराब हो गई।
उन्होंने कहा कि भाजपा की "ट्रिपल इंजन सरकार" यह सुनिश्चित करने में विफल रही कि राहत सामग्री समय पर पीड़ितों तक पहुंचे। रजा के अनुसार, गुजरात से दंतेवाड़ा तक सामग्री पहुंचने में 5 से 7 दिन लगते हैं, और इस दौरान खाद्य सामग्री खराब नहीं होती। लेकिन दंतेवाड़ा पहुंचने के बाद भी सामग्री को वितरित करने में देरी की गई, जो भाजपा की असंवेदनशीलता और लापरवाही को दर्शाता है।
ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - वक्त था निखरने का, ईमानदारी बिखर गई
कांग्रेस नेता ने कहा कि जब उनकी पार्टी ने इस मुद्दे को उठाया और बाढ़ पीड़ितों के हक की बात की, तो भाजपा ने उल्टा कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया। रजा ने इसे भाजपा की गैर-जिम्मेदाराना रवैये का सबूत बताते हुए कहा कि पार्टी के पास न तो अपनी गलती स्वीकारने का साहस है और न ही जनता के प्रति जवाबदेही निभाने की इच्छा।आसिफ़ रजा ने बताया कि उन्होंने स्वयं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने कहा, "दुखद यह है कि गुजरात से भेजी गई राहत सामग्री किसी भी परिवार तक नहीं पहुंची। पीड़ितों को केवल आश्वासन मिले, कोई ठोस मदद नहीं।"
उन्होंने भाजपा पर जनता की पीड़ा को प्राथमिकता न देने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह घटना पार्टी के गैर-जिम्मेदाराना रवैये को उजागर करती है। रजा ने मांग की कि भाजपा इस लापरवाही के लिए जनता से माफी मांगे और आत्ममंथन करे। उन्होंने कहा, "कांग्रेस बाढ़ पीड़ितों के हक के लिए हर मंच पर आवाज उठाती रहेगी और यह सवाल पूछेगी कि आखिर क्यों जरूरतमंदों तक उनका हक नहीं पहुंचा।"
Comments