किसान अगर नई और मुनाफेदार खेती करना चाहते हैं तो काली मिर्च की खेती उनके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकती है. काली मिर्च की खेती से न केवल अच्छी आमदनी होती है, बल्कि सही देखभाल और नई किस्मों के प्रयोग से यह लाभ और भी बढ़ाया जा सकता है. हालांकि, इसके लिए मिट्टी, जलवायु और सहारे वाले पेड़ की जरूरत होती है.काली मिर्च के लिए उपजाऊ और मध्यम नमी वाली मिट्टी आवश्यक है. साथ ही इस फसल के लिए सहारे के लिए उपयुक्त पेड़ होना जरूरी है जिससे बेल आसानी से लिपट सके और अच्छी पैदावार दे.
काली मिर्च की खेती के लिए जरुरी तापमान
मनोहरपुर स्थित कृषि प्रशिक्षण केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर दीपक मेहंदी रत्ता ने बताया कि काली मिर्च की खेती पहले दक्षिण भारत में अधिक होती थी. लेकिन अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में भी इसकी खेती की जा रही है. इसका कारण यह है कि यह फसल 25 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान में अच्छी होती है. इस कारण यह मुरादाबाद सहित आसपास के इलाकों में संभव है.
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काली मिर्च एक बेल वाली फसल है. इसकी बुवाई कटिंग के जरिए की जाती है. कटिंग से पौध तैयार किए जाते हैं और इन्हें नर्सरी में लगाया जाता है. जब पौध तैयार हो जाते हैं तो इन्हें मुख्य खेत में लगा दिया जाता है.
कटिंग से पौधा तैयार करने की प्रक्रिया
कटिंग का चुनाव करते समय यह ध्यान रखना जरूरी है कि उसमें दो से तीन गांठे हों. इस तरह के कटिंग से पौध ज्यादा मजबूत और स्वास्थ्यपूर्ण होता है. शुरुआती दौर में किसानों को कम जगह में ही इसे लगाना चाहिए क्योंकि पौध महंगा होता है. एक बार शुरुआत करने के बाद इसका मुनाफा बहुत अधिक होता है और धीरे-धीरे खेती का विस्तार किया जा सकता है.
काली मिर्च की मांग
आज काली मिर्च की मांग बाजार में लगातार बढ़ रही है. यह एक ऐसा अवसर है जिसे किसान छोड़ना नहीं चाहेंगे. इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है. नए किसान भी इस खेती को अपना सकते हैं और सही जानकारी व देखभाल के साथ इस फसल में सफल हो सकते हैं. डॉक्टर दीपक मेहंदी रत्ता कहते हैं कि काली मिर्च की खेती में निवेश की लागत अधिक हो सकती है, लेकिन लाभ भी उससे कई गुना ज्यादा है.
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