नवरात्र में कन्या भोजन और पूजन तो सब करते हैं, पर इसके पीछे की मान्यता की जानकारी हर किसी को नहीं होती. क्या आपको पता है की 9 कन्या के साथ जो एक बालक को पूजन में बैठाया जाता है वो कौन है और ऐसा क्यों किया जाता है. तो चलिए फिर जानते हैं.
नवरात्रि की कन्या पूजा में 09 कन्याओं को बुलाने का विधान है. हिंदू मान्यता के अनुसार ये 09 कन्याएं देवी दुर्गा के 09 स्वरूप का प्रतीक होती हैं, लेकिन सवाल उठता है कि आखिर इन 09 कन्याओं के साथ एक लड़के को बुलाकर क्यों पूजा जाता है ?
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कंजक के साथ कौन होता है एक लड़का ?
कंजक पूजा में एक लड़के को बुलाए जाने की परंपरा है, जिसे देवी लंगूर, लांगुरिया या फिर बटुक कहा जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार यह लड़का भगवान भैरव का प्रतीक होता है. जिस तरह देश के तमाम शक्तिपीठों और सिद्धपीठ पर देवी के दर्शन भैरव बाबा के दर्शन के बगैर अधूरे माने जाते हैं, कुछ उसी तरह कन्या पूजन भी बगैर एक लड़के के अधूरी मानी जाती है. कुछेक घरों में एक की बजाय दो लड़के को हनुमान जी या फिर भगवान गणेश मानकर पूजा जाता है.
भैरव देवी के सभी पीठों की रक्षा करते हैं
मान्यता है कि भगवान भैरव देवी के सभी पीठों की रक्षा करते हैं. यही कारण है कि नवरात्रि में देवी दुर्गा के 09 स्वरूप मानी जाने वाली कन्याओं के साथ बड़ी श्रद्धा के साथ लोग एक बालक को बुलाते हैं. 09 कन्याओं की तरह इस बालक को भी एक दिन पूर्व आदरपूर्वक आमंत्रित किया जाता है और उनके समान ही भोजन प्रसाद खिलाने के बाद आशीर्वाद लेने के बाद उपहार, धन आदि देकर विदा किया जाता है.
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