वृंदावन : शरद पूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजगोपियों संग महारास किया था। तब भगवान की मुरली की धुन से न केवल भूलोक, बल्कि देवलोक में बैठे देवता भी महारास दर्शन करने को उतावले हो गए थे।महारास में जिस तरह भगवान श्रीकृष्ण ने पोशाक धारण कर मुरली बजाई, ठीक ऐसा ही भेष रखकर आज भी ठाकुर बांकेबिहारी शरद पूर्णिमा पर भक्तों को दर्शन देते हैं। शरद पूर्णिमा पर ठाकुरजी श्वेत धवल पोशाक, स्वर्ण-रजत शृंगार कर मुरली बजाते हुए भक्तों को दर्शन देंगे। वर्ष में एक ही दिन मुरली बजाते ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन को भक्तों की भीड़ उमड़ेगी।
राधावल्लभ व अन्य मंदिरों में भी चंद्रमा की चांदनी में होंगे आराध्य के दर्शन
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में छह अक्टूबर को शरदोत्सव पर ठाकुर बांकेबिहारी महारास की मुद्रा में भक्तों को मुरली बजाते हुए दर्शन देंगें। श्वेत धवल पोशाक धारण कर मोर-मुकुट, कटि-काछनी में मुरली बजाते आराध्य की एक झलक पाने को देश-दुनिया के भक्त आल्हादित होंगे।
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मंदिर सेवायत आचार्य गोपी गोस्वामी ने बताया ठाकुरजी श्वेतांबर में चंद्रमा की धवल चांदनी में भक्तों को दर्शन देंगे। इसके अलावा शरद पूर्णिमा पर सोमवार को ठाकुर राधावल्लभ, ठाकुर राधादामोदर, राधाश्यामसुंदर, गोविंददेव, गोपीनाथ, मदनमोहन, गोकुलानंद समेत सभी मंदिरों में ठाकुरजी शाम को चंद्रमा की धवल चांदनी में श्वेत धवल वस्त्र धारण कर मुरली बजाते हुए भक्तों को दर्शन देंगे।
चांदनी रोशनी में होंगे ठाकुरजी के दर्शन
द्वारकाधीश मंदिर में छह अक्टूबर को शरद पूर्णिमा पर ठाकुरजी के विशेष दर्शन होंगे। मीडिया प्रभारी एड. राकेश तिवारी ने बताया कि शाम 6.30 बजे से शाम 7.30 बजे तक दर्शन होंगे। ठाकुरजी चांदनी रोशनी में में विराजमान होंगे। ठाकुरजी बाहर आकर दर्शन देंगे।
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