बिलासपुर बस हादसा: व्यवस्था में हुई देरी और निकल गई कइयाें की जान

बिलासपुर बस हादसा: व्यवस्था में हुई देरी और निकल गई कइयाें की जान

बिलासपुर:  अक्सर जिस शुक्र खंड पुल के आसपास खड्ड एवं पानी की बहाव की आवाजें सुनाई देती थीं, वहां मंगलवार देर शाम को एकाएक चीजों पुकार सुनाई देने लगीं। यह हादसा प्राकृतिक आपदा से ज्यादा व्यवस्था से भरा हुआ हादसा साबित हुआ है। प्रशासन तौर पर हुई लापरवाही एक ही स्तर पर नहीं हुई, बल्कि बचाव कार्य में भी इसका असर दिखाई दिया।

शाम के समय जब यह हादसा हुआ तो सबसे पहले वहां स्थित एक मंदिर के बाबा और वहां उपस्थित श्रद्धालु पहुंचे। इसके साथ ही ग्रामीण भी वहां पहुंच गए। ग्रामीणों की ओर से प्रशासन को सीधे शब्दों में सूचित किया गया कि यहां बहुत बड़ा हादसा हुआ है और बस दिखाई तक नहीं दे रही है।

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बचाव दल की भी लापरवाही आई सामने

यह सूचना मिलने के करीब आधे घंटे के बाद बचाव दल मौके पर पहुंचा। बचाव दल की ओर से भी करीब आधा घंटा तक उनके पास उपलब्ध उपकरणों से निकालने का प्रयास किया गया। जब इससे बात नहीं तो आधा घंटा मेहनत करने के बाद चार जेसीबी मंगवाई गईं।

अगर शुरुआत में ही जेसीबी मंगवा ली होती, क्योंकि प्रारंभिक सूचना में यह बात स्पष्ट कर दी थी बस पूरी तरह से दब चुकी है तो शायद कुछ लोगों की जान बच जाती।

इस कारण यह है कि हादसे में मारे जाने वाले लोगों में कई लोगों में शरीर में किसी तरह की भी चाेटें दिखाई नहीं दी हैं। ऐसे में कुछ लोग शायद दम घुटने से मौत हो गई। अगर शुरूआत में ही जेसीबी मंगवा ली होतीं तो एक दो ओर लोगों की जान बचाई जा सकती थी।









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