दिवाली से ठीक 12 दिन पहले करवाचौथ का पर्व मनाया जाता है. हिंदू धर्म में करवाचौथ व्रत का बड़ा महत्व है. इस वर्ष करवा चौथ 10 अक्टूबर दिन शुक्रवार को पड़ रहा है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना से दिनभर निर्जला व्रत करती हैं. इसके बाद रात को चंद्र देव को अर्घ्य देकर पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोलती हैं. करवा चौथ को लेकर लोगों में कई सवाल भी होते हैं. ऐसा ही एक सवाल है कि आखिर करवा चौथ की सरगी कितने बजे खानी चाहिए? ये सवाल है आपका भी हो सकता है.
ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - वक्त था निखरने का, ईमानदारी बिखर गई
करवा चौथ 2025 सरगी टाइम
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, करवा चौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04 बजकर 40 मिनट से 05 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. ऐसे में ब्रह्म मुहूर्त के दौरान सरगी में शामिल चीजों का सेवन कर सकते हैं. सरगी के लिए यही समय सबसे उत्तम है.
कैसे शुरू हुई सरगी की परंपरा?
सरगी की शुरुआत से जुड़ी दो प्रमुख कथाएं प्रचलित हैं. जिसमें पहली माता पार्वती की कथा है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब माता पार्वती ने पहली बार करवाचौथ का व्रत रखा था, उनकी सास जीवित नहीं थीं. ऐसे में उनकी मां मैना देवी ने उन्हें सरगी दी थी. तभी से यह परंपरा चली कि अगर सास न हो तो मायके से भी मां सरगी दे सकती है. दूसरी महाभारत में वर्णन मिलता है कि द्रौपदी ने पांडवों की लंबी आयु के लिए करवाचौथ का व्रत रखा था. उस समय उनकी सास कुंती ने उन्हें सरगी दी थी. इससे यह परंपरा ससुराल पक्ष से भी जुड़ गई.
सरगी की थाली में क्या-क्या होता है?
सरगी की थाली सात्विक और ऊर्जा देने वाले खाद्य पदार्थ सेब, केला, अनार, पपीता, बादाम, काजू, किशमिश, खीर, हलवा, सेवई, नारियल पानी या दूध, मठरी, पराठा आदि होता है. इसके अलावा शृंगार में बिंदी, चूड़ी, सिंदूर औ साड़ी रखी जाती है. यह बहू के सौभाग्य का प्रतीक माने जाते हैं.
Comments