रायपुर : जिले के खरोरा थाना क्षेत्र में एक महिला के साथ हुए बलात्कार के मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद खरोरा पुलिस ने दरिंदा नामी सेठ को पकड़ कर थाने तो ले आई, लेकिन उसे हथकड़ी लगाने के पहले ही नेताओं के दबाव में आकर पुलिस ने छोड़ दिया.. पुलिस अब आरोपी को फरार बताकर तलाश कर रही है। इस घटना के बाद लोगों में रोश देखा जा रहा है। इस मामले को लेकर किसी भी समयबड़ा आंदोलन हो सकता है। जानकारी के मुताबिक 30 सितंबर को एक महिला के द्वारा खरोरा के एक धन्ना सेठ संजय अग्रवाल पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कराया था। महिला ने पुलिस को बताया कि दुष्कर्म करने के बाद उसने जान से मारने की धमकी दी थी जिससे वह डर गई थी। महिला की शिकायत पर पुलिस ने बिना देर किए 30 सितंबर को रेप का मामला दर्ज कर लिया। और दूसरे ही दिन यानी कि एक अक्टूबर को पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर थाने भी ले आई।
लेकिन जब इस मामले की जानकारी आरोपी के जीजा एक पार्टी के जिला ग्रामीण महामंत्री जो एक बड़े नेता के खास माने जाते है को हुई तो वो खरोरा थाने पहुंच गया और पुलिस पर राजनीति दबाव बनाकर उसे फ्ल्मि स्टाइल में थाने से उठाकर साथ अपने गाड़ी में लेकर चला गया। बताया जाता है कि खरोरा पुलिस ने पहले तो इसका विरोध किया लेकिन बाद में भाजपा नेताओं को दबाव में आकर उसे छोड़ दिया और अब पुलिस आरोपी को फरार बात कर ढूंढने का ढूंढने कर रही है।
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दरअसल आरोपी संजय अग्रवाल क्षेत्र में भू माफिया के नाम से जाने जाते हैं। पैसों के बल और बहनोई के राजनीतिक संरक्षण के चलते उनके द्वारा खुलेआम अवैध कार्य किए जाते हैं। बताया जाता है कि जिस महिला के साथ उसने दुष्कर्म किया उसे उन्होंने धमकी दी थी कि यदि थाने में रिपोर्ट दर्ज कराएगी तो नतीजा बुरा होगा ,और उसकी हत्या कर दी जाएगी।धमकी से महिला सहम गई थी। इस संदर्भ में पुलिस का कहना है कि आरोपी संजय अग्रवाल अभी फरार है पुलिस तलाश कर रही है। पुलिस ने बताया कि उसके खिलाफ बलात्कार की धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है।
हालांकि पुलिस इस बात का इनकार कर रही है कि उसको पकड़ कर थाने लाया गया था। जबकि लोग दावा कर रहे हैं कि यदि थाने के बाहर लगे कैमरे की जांच कराई जाए तो स्पष्ट हो जाएगा कि संजय अग्रवाल को पुलिस पकड़ कर लाई थी या नहीं । साथी यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि उसे छुड़ाकर किस गाड़ी में ले जाया गया था। कुछ लोगों का कहना है कि उसे समय के वीडियो को डिलीट कर दिया गया है। जांच में यह स्पष्ट हो जाएगा। फिलहाल संजय अग्रवाल फरार देखना यह है कि पुलिस उसे गिरफ्तार कर पाती है या नहीं। इसके पूर्व भी आरोपी के परिजन और नेता द्वारा एक गैरेज में तोड़फोड़ कर ट्रेलर को आग के हवाले किया था, जिसके बाद बवाल मचा था, लेकिन उच्च राजनीतिक संरक्षण के चलते मामला पूरा दब गया।
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